भारतीय जनता पार्टी इस वर्ष के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी कड़ी में फैसला लिया गया है कि इस बार किसी राज्य में मुख्यमंत्री चेहरा पेश किए बिना ही पार्टी मैदान में उतरेगी। इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया है।
राजस्थान में उनकी एक सप्ताह में दूसरी जनसभा को संबोधित करते हुए इस तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारा किया है। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि पार्टी राज्य के आगामी चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं करेगी। उन्होंने कमल के निशान को ही पार्टी की ‘उम्मीद’ व ‘उम्मीदवार’ बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी राज्य के आगामी चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं करेगी। मोदी ने कहा, ‘‘इस चुनाव में हमारा एक ही चेहरा है और वो चेहरा है ‘कमल’।
उन्होंने जनता से कहा कि इस ‘कमल’ को ही भारी बहुमत से जिताना है। और हम इस ‘कमल’ के नेतृत्व में, ‘कमल’ के निशान से राजस्थान का भाग्य भी तेज गति से आगे बढ़ाएंगे।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारी उम्मीद ‘कमल’ है, हमारा उम्मीदवार ‘कमल’ है। हम ‘कमल’ खिलाएंगे, भाजपा को जिताएंगे, इसी लक्ष्य के साथ हम सबको एकजुटता के साथ आगे निकलना है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के हर गरीब को रहने के लिए पक्की छत मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं राजस्थान के हर गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों को एक और गारंटी दे रहा हूं। मोदी हर गरीब को पक्की छत देगा, पक्का घर देगा।
गौरतलब है कि इस वर्ष के अंत में बहुसंख्यक हिंदी भाषी राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव होने हैं, जहां खासतौर पर पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा ना करने का फैसला लिया है। वहीं तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है। इस बार भाजपा ने अबतक मध्यप्रदेश में 64 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार के रूप में नामित नहीं किया है। वहीं राजस्थान में भी भाजपा ने मुख्यमंत्री चेहरा सामने ना लाने का फैसला किया है। यहां पहली बार होगा जब राज्य में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के भाजपा मैदान में होगी। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की दावेदारी राजस्थान में है। वहीं अर्जुन राम मेघवाल के नाम को लेकर भी चर्चा है।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चेहरा सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया है। छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व का ही फार्मूला भाजपा के काम आ सकता है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, बीते तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके है, जिनके नाम की चर्चा की जा रही है। वहीं प्रदेशाध्यक्ष अरूण साहो, दसवां सांसद सरोज पांडे और राम विचार नेताम जैसे कई नेताओं के नाम पर चर्चा है।