बेंगलुरु। कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों का पता लगाने के लिए समग्र चुनाव परिणामों और निर्वाचन क्षेत्रवार परिणामों का विस्तृत विश्लेषण करने का फैसला किया है।
राज्य की 224-सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीट पर जीत हासिल की, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमशः 66 और 19 सीट हासिल कीं।
बोम्मई ने कांग्रेस के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार है। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदर्शन के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं और उन सभी का विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही सभी नवनिर्वाचित सदस्यों एवं प्रत्याशियों की एक बैठक बुलाई जाएगी।
बोम्मई सहित भाजपा के कुछ नेताओं ने रविवार को यहां पार्टी मुख्यालय में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील के नेतृत्व में चर्चा की।
बोम्मई ने कहा, ‘‘हमने परिणामों के बारे में और विभिन्न क्षेत्रों से जानकारी प्राप्त करने के बारे में अनौपचारिक चर्चा की है। हमने समग्र परिणामों का विस्तृत विश्लेषण करने और निर्वाचन क्षेत्रवार विश्लेषण करने का निर्णय लिया है।’’
उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भाजपा का वोट प्रतिशत उतना ही रहने के बावजूद सीट कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रवार वोट प्रतिशत के विश्लेषण से इसका कारण पता लग सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी निर्वाचित सदस्यों की एक बैठक बुलाने का भी फैसला किया गया है, जिसके बाद आने वाले दिनों में पार्टी को संगठित करने और मजबूत करने के बारे में विस्तृत चर्चा करने के लिए सभी उम्मीदवारों की एक बैठक होगी।’’
बोम्मई ने कहा कि भाजपा केवल चुनावों के लिए काम नहीं करती, पार्टी को संगठित करना एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है।
बोम्मई ने राज्य में 2013 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया, जब भाजपा को सिर्फ 40 सीट मिली थीं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 19 सीट मिली थीं। आज हम और भी बेहतर स्थिति में हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी तैयारियां करेंगे।’’
कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा के पास 25 सीटें हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हार को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करते हुए हम इसके कारणों की पहचान करेंगे, सुधार करेंगे और आगे बढ़ेंगे।’’
कांग्रेस द्वारा कर्नाटक चुनाव के नतीजों को मोदी की हार बताए जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह मोदी की हार नहीं हो सकती। मोदी पूरे देश के हैं, सिर्फ कर्नाटक के नहीं। वह यहां चुनाव प्रचार के लिए आए थे। कांग्रेस को भले ही कर्नाटक में जीत मिली, लेकिन उसने पूरे देश में हार देखी है। यह स्थानीय नेताओं की जीत है या राज्य के नेताओं की?’’
चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कटील के इस्तीफा देने की संभावना संबंधी एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा कि ऐसा कोई सवाल पैदा नहीं हुआ है और इस पर चर्चा नहीं की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का नेता कौन होगा, इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
यह दावा करते हुए कि भाजपा ने यह चुनाव हिंदुत्व के एजेंडे के आधार पर नहीं लड़ा, बोम्मई ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह कुछ लोगों के दिमाग की उपज है। हम डबल इंजन सरकार के विकास एजेंडे के आधार पर (चुनाव) लड़े। कांग्रेस और उसके घोषणापत्र ने लोगों के ध्रुवीकरण की कोशिश की है।’’
लिंगायत क्षेत्र में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह लिंगायत क्षेत्र हो या वोक्कालिगा क्षेत्र, यह समुदायों का संयोजन है। सिर्फ एक समुदाय नहीं है जो आपको जीता देगा या हरा देगा.. यह उम्मीदवार के चयन और उसकी स्वीकार्यता पर निर्भर करता है, इसलिए हम विस्तृत विश्लेषण करेंगे।