भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़ने के कर्नाटक सरकार के फैसले के विरोध में ‘कावेरी रक्षणा यात्रा’ निकालेगी।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा नदी के निकटवर्ती क्षेत्रों में निकाली जाएगी।
बोम्मई ने कावेरी बेसिन (नदी के आसपास के क्षेत्रों) में प्रत्येक किसान को मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये का मुआवजा देने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां पार्टी के नेताओं की एक बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी शरीक हुए।
कावेरी मुद्दे पर प्रदेश के हितों की रक्षा करने में राज्य सरकार के नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए बोम्मई ने कहा, ‘‘कोवरी जल का प्रबंधन जून महीने में किया जाना चाहिए था। हमने अपने किसानों को 30 प्रतिशत भी पानी नहीं दिया। वहीं, दूसरी ओर तमिलनाडु के किसान दूसरी फसल उगा रहे हैं।’’
बोम्मई ने कहा, ‘‘हमारी (कर्नाटक) सरकार कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखने में नाकाम रही। कर्नाटक सरकार कावेरी बेसिन में मौजूदा स्थिति के बारे में भी उच्चतम न्यायालय को सहमत करने में नाकाम रही। हमने पानी छोड़ा और संकट में पड़ गए।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आखिरकार, कांग्रेस सरकार ने राज्य के हितों की कुर्बानी दे दी।
इस सरकार के पास कावेरी जल मुद्दे में कर्नाटक के अधिकारों की रक्षा करने की नैतिकता नहीं है।’’
बोम्मई ने राज्य सरकार से कावेरी बेसिन से जुड़ी जमीनी हकीकत उच्चतम न्यायालय और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के समक्ष रखने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘जल संसाधन मंत्री डी. के. शिवकुमार ने अच्छे वकील रखे हैं, इसलिए वह निजी मुकदमे जीत रहे हैं। उन्हें कावेरी जल विवाद से जुड़े मामले में अच्छे अधिवक्ताओं की एक टीम रखनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए।