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ओडिशा के गंजम में छह साल में काले हिरणों की संख्या लगभग दोगुनी हुई

मृग की सबसे सुंदर प्रजाति काला हिरण लुप्तप्राय जानवरों की सूची में शामिल है, लेकिन ओडिशा के गंजम जिले में पिछले छह वर्षों में इनकी संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
गंजम जिले के घुमसर दक्षिण के प्रभागीय वन अधिकारी दिलीप कुमार राउत ने कहा कि अस्का के पास बालिपदरा-भेटनानी क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा प्रदान की गयी सुरक्षा के कारण पिछले कुछ वर्षों में काले हिरण के अवैध शिकार का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
ओडिशा के पूर्व वन्यजीव वार्डन एस एस श्रीवास्तव ने कहा कि राजस्थान में बिश्नोई जनजाति समुदाय की तरह, गंजम जिले के लोग काले हिरण की रक्षा कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह उनके लिए समृद्धि का अग्रदूत है।

स्थानीय रूप से कृष्णसार मृग कहे जाने वाले काले हिरणों की संख्या 2015 के 3,806 से बढ़कर 2021 में 7,358 हो गई है। राउत ने कहा कि 2011 में क्षेत्र में काले हिरणों की आबादी 2,194 थी।
दक्षिणी ओडिशा का यह जिला वास्तव में राज्य में वर्तमान में स्तनपायी जीवों का एकमात्र निवास स्थान है और यहां कोई भी काले हिरणों के झुंड को स्वतंत्र विचरण करते देख सकता है।
काले हिरण को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम -1972 की अनुसूची -1 में शामिल किया गया है औरप्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन)की लाल सूची की श्रेणी में संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

राउत ने कहा कि आवास में सुधार, स्थानीय लोगों और वन कर्मचारियों द्वारा प्रदान की गयी सुरक्षा गंजम में काले हिरणों की संख्या में वृद्धि का कारण है।
उन्होंने कहा कि सड़क पार करने के दौरान हुई दुर्घटनाओं, आपस में लड़ाई होने और कुत्तों के काटने से कुछ काले हिरणों की मौत हो गई है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में एक भी अवैध शिकार का मामला सामने नहीं आया है।
राउत ने कहा कि 2019-20 के बाद से क्षेत्र में कुल 48 काले हिरणों की मौत हुई है, जिनमें से 18 सड़क हादसों में मारे गए।

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