ब्राह्मणों के एक संगठन ने प्रभावशाली लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों की आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) की श्रेणी के 10 प्रतिशत आरक्षण के उपयोग की कर्नाटक सरकार की योजना का विरोध किया है और इसे ‘ब्राह्मण विरोधी’ कदम करार दिया है।
अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष और पूर्व महाधिवक्ता अशोक हरनल्ली ने एक वीडियो जारी कर कहा कि ब्राह्मण इस योजना को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने ब्राह्मणों की सभी उपजातियों से इस कदम का विरोध करने के लिए साथ आने का आह्वान किया।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने 29 दिसंबर, 2022 को वोक्कालिगा और लिंगायतों के लिए दो नयी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणियां बनाने का फैसला किया था। उसने उनकी आरक्षण की मांग को 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के एक हिस्से का उपयोग कर पूरा करने की योजना बनायी है।
हरनल्ली ने बृहस्पतिवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा किए वीडियो में कहा है, ‘‘इस निर्देश के बावजूद कि, आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए, राज्य सरकार ने कई साल बाद भी अपने आपको मानसिक रूप से तैयार नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन अब उसने 10 प्रतिशत आरक्षण को विभाजित करने तथा उसे कुछ समुदायों को देने की योजना का निर्णय लिया है। उसकी ब्राह्मणों के लिए इस आरक्षण को बस दो से तीन फीसद तक सीमित करने की योजना है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही (अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण वृद्धि के मार्फत) आरक्षण को 50 प्रतिशत से ऊपर यानी 56 प्रतिशत तक ले जा चुकी है, ऐसे में जो समुदाय पहले से आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत वह अधिकार नहीं दिया जा सकता है।
हरनहल्ली ने कहा, ‘‘ इसके बावजूद , सरकार ईडब्ल्यूएस के तहत उन समुदायों को आरक्षण देना चाहती है जो पहले से आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। इससे बाह्मणों में सरकार एवं उसकी ब्राह्मणविरोधी नीति को लेकर नाराजगी पैदा हो गयी है। यह समुदाय ईडब्ल्यूएस श्रेणी अबतक लागू नहीं करने को लेकर सरकार से पहले से परेशान है।’’
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय सरकार का यह कदम स्वीकार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर समुदाय को एकजुट होने और सरकार को अपनी नाराजगी से वाकिफ कराने की जरूरत है।
वोक्कालिगा और लिंगायत क्रमश: दक्षिण एवं उत्तरी कर्नाटक क्षेत्रों में बहुल समुदाय है और वे राजनीतिक रूप से भी मजबूत हैं।