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सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी’ कहने का मामला

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर उनकी ‘बेचारी’ टिप्पणी को लेकर सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया। संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन के दौरान सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुमू को पुअर थिंग कहा था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। 31 जनवरी को संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सदन के बाहर पत्रकारों ने गांधी से मुर्मू के लगभग एक घंटे लंबे भाषण के बारे में पूछा तो पूर्व कांग्रेस प्रमुख को क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक गई थी। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी।

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सोनिया गांधी की टिप्पणी से तुरंत भाजपा नेताओं की ओर से निंदा की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति भवन ने भी एक बयान जारी कर टिप्पणी को “अस्वीकार्य” बताया और कहा कि मुर्मू थके नहीं हैं। बाद में पीएम मोदी ने भी दिल्ली की एक रैली में कांग्रेस पर हमला बोला और आरोप लगाया कि सोनिया की टिप्पणी से आदिवासी समुदायों का अपमान हुआ है। 

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द्रौपदी मुर्मू जी यहां एक आदिवासी परिवार से आई हैं। उन्होंने आज संसद को अद्भुत तरीके से प्रेरित किया और भाषण दिया।  लेकिन कांग्रेस के राजघराने ने उनका अपमान करना शुरू कर दिया है। राजपरिवार के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने उबाऊ भाषण दिया। मोदी ने द्वारका में कहा कि एक अन्य सदस्य ने तो एक कदम आगे बढ़कर राष्ट्रपति को घटिया कह दिया. उन्हें एक आदिवासी बेटी का भाषण उबाऊ लगता है।  

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