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भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई हो रही है। इस मामले में यौन शोषण के आरोपों के संबंध में आरोप तय करने के मामले में अदालत ने 21 अक्टूबर को सुनवाई की थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
इस मालमे में गवानों के बयानों में विरोधाभास का दावा किया गया है। इस संबंध में बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने अदालत में दलील दी है कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास देखने को मिला है। यौन उत्पीड़न मामले में गवाहों के बयानों में विरोधाभास का दावा भाजपा सांसद के वकील ने किया है। इस मामले में अदलात ने शनिवार को सुनवाई की थी। दिल्ली की एक अदालत से इस मामले में उन्हें आरोपमुक्त करने का आग्रह किया।
बृजभूषण पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। बृजभूषण की ओर से अदालत में पेश हुए वकील राजीव मोहन ने दावा किया कि कानून के अनुसार, मामले को देखने के लिए बनाई गई निरीक्षण समिति को सात दिनों के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश करनी थी। उन्होंने बताया कि चूंकि इस मामले में इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई, इसलिए यह मान लेना चाहिए कि समिति को आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं मिला है। मामले की सुनवाई के दौरान सिंह अदालत में मौजूद नहीं थे क्योंकि उनके वकील ने अदालत में पेशी से उन्हें छूट देने की अर्जी दायर की थी, जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया था। न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी। इस मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन ने दलिल दी है कि आरोपियों के खिलाफ छह पहलवानों ने यौन उत्पीड़न किया आरोप लगाए थे। आरोपी की जांच के लिए गठित निरीक्षण समिति पक्ष अधिनियम के तहत गठित आंतरिक शिकायत समिति के बराबर ही थी। हालांकि इस मामले में निरीक्षण सामिनी को कोई मामला नहीं मिला इसलिए एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई थी।