वक्फ विधेयक को लेकर संसद में चर्चा के बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वक्फ बिल मुसलमानों को परेशान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल मुसलमानों को कमजोर करने की चाल है। उन्होंने कहा कि पिछले 10-11 सालों से बीजेपी मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है। यह उसी का हिस्सा है। पहले उन्हें मारा गया, मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया और दुकानें बंद कर दी गईं। वक्फ बिल लाकर वे हमारी संपत्ति जब्त करना चाहते हैं। मुसलमान क्या करेंगे?
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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे पिछले 10-11 सालों से इसे बर्दाश्त कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे हिंदू भाइयों को यह समझना चाहिए कि भारत अपनी सद्भावना और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि आज ये सब कचरे में फेंका जा रहा है। आज हमारा देश, जो एक आदर्श राष्ट्र हुआ करता था, म्यांमार की राह पर चल रहा है, जहाँ अल्पसंख्यकों और मुसलमानों को बाहर निकाल दिया जाता है। वे भूल जाते हैं कि कल वे सत्ता में नहीं होंगे। कांग्रेस ने देश को बचाए रखा। जब तक वे (बीजेपी) जाएंगे, तब तक देश बर्बाद हो चुका होगा। जिस तरह जिया-उल-हक ने देश को निराशा में धकेला, बीजेपी भी ठीक वैसा ही कर रही है।
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एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है। यह अनुच्छेद 14, 25 और 26 का पूरी तरह उल्लंघन है। यह विधेयक असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। अगर वे विधेयक पारित करना चाहते हैं, तो उन्हें चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी के समर्थन की आवश्यकता होगी, और अगर ये लोग विधेयक का समर्थन करते हैं, तो भारत के मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। वहीं, भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि संसद में पेश किया गया बिल मुसलमानों के खिलाफ है। अगर वक्फ के पास इतनी जमीन है, तो इतने सारे मुसलमान गरीब क्यों हैं? ऐसा लगता है कि बिल मुसलमानों के कल्याण के लिए पेश किया जा रहा है।