कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को शुक्रवार को राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि वह पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में सांसद के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे।
तृणमूल ने अदालत के इस फैसले की सराहना की है, जबकि विपक्षी कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अदालत के आदेश पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
अदालत ने निदेशालय द्वारा बनर्जी के खिलाफ दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) खारिज नहीं की। ईसीआईआर प्राथमिकी के समान होती है।
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने ईडी को निर्देश दिया कि ईसीआईआर के आधार पर बनर्जी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती।
अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूत बनर्जी की गिरफ्तारी के वारंट के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
उसने यह भी कहा कि सरकारी और सरकार प्रायोजित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर बनर्जी के खिलाफ जांच जारी रहेगी।
ईडी के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि अदालत ने एजेंसी से बनर्जी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है, लेकिन अगर जांचकर्ताओं के पास टीएमसी सांसद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं, तो उन पर धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19/1 के तहत मुकदमा चलाने का विकल्प बंद नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि यह धारा जांच एजेंसियों के निदेशक/सहायक निदेशक जैसे अधिकारियों को धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत आने वाले अपराध के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार करने की शक्ति देती है, हालांकि इसके लिए जांचकर्ताओं के पास यह मानने के लिए पर्याप्त सबूत या कारण होने चाहिए कि संबंधित व्यक्ति ने अपराध किया है।
इस महीने की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव से नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘हमें जांच और कानूनी मामलों पर सीधे टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह निर्णय दिखाता है कि केंद्रीय एजेंसी बनर्जी के पीछे पड़ी हैं और उन्हें परेशान कर रही हैं, क्योंकि वह भाजपा की सांप्रदायिक और नफरत भरी राजनीति के खिलाफ लड़ने वाली प्रमुख ताकतों में से एक हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने ईडी को अभिषेक को और परेशान करने से रोक दिया है। वह जांच में मदद कर रहे हैं और हम जानते हैं कि वह जांचकर्ताओं की मदद करना जारी रखेंगे।’’
पार्टी नेता एवं पश्चिम बंगाल की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा कि डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी पहले ही चार-पांच बार विभिन्न केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं, लेकिन अब भी ‘‘उन्हें परेशान किया जा’’ रहा है।
कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि बनर्जी जब तक अदालत से बरी नहीं हो जाते, तब तक इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने ईडी की जांच के संबंध में कुछ टिप्पणियां की हैं। इस समय और टिप्पणी करना उचित नहीं है।’’
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उनके मन में सवाल उठता है कि अगर बनर्जी दोषी नहीं हैं तो उन्हें अदालत से ‘‘इतने रक्षा कवचों’’ की आवश्यकता क्यों है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि अदालत ने जांच एजेंसी से बनर्जी के खिलाफ जांच जारी रखने को कहा है।
सिन्हा ने कहा, ‘‘बनर्जी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय जा रहे हैं, केंद्रीय एजेंसी की जांच से बचाव का अनुरोध कर रहे है। मैं न्यायिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करूंगा। वह इन प्रावधानों के हकदार हैं।