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ईडी के कर्मियों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने को लेकर वकील सतीश उइके के खिलाफ मामला दर्ज

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कर्मियों को कथित तौर पर उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए वकील सतीश उइके के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उइके ने ईडी के कर्मियों को कथित तौर पर अपने आवास से चले जाने के लिए कहा था, जिन्हें वहां तैनात किया गया था। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि ईडी के नागपुर कार्यालय के एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर, शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग करना) समेत अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

एक अदालत ने वकील सतीश उइके और उनके भाई प्रदीप को 26 नवंबर तक, अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए अजनी इलाका स्थित अपने घर जाने और वहां ठहरने की अनुमति दी थी। वे दोनों, अभी ईडी की हिरासत में हैं।
अधिकारी ने कहा कि ईडी के कर्मी शिवराम हल्दनकर और टी. थर्मराज ईडी के उप-क्षेत्रीय सहायक निदेशक पंकज गोयत के लिखित आदेश के अनुसार ‘गार्ड ड्यूटी’ के लिए उइके के घर गए थे।
अगस्त 2023 में जमीन हड़पने के एक मामले में उइके, उनके भाई और उनके सहयोगियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

यह मामला शहर के मौजा बाबुलखेड़ा में ‘नागपुर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट’ (एनआईटी) के स्वामित्व वाली 4,100 वर्ग मीटर भूमि के कथित अवैध कब्जे से जुड़ा है।
इससे पहले, उइके ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही का अनुरोध करते हुए एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
उइके ने दावा किया था कि 1996 और 1998 में फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन भाजपा नेता ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी हलफनामे में इसका खुलासा नहीं किया।

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