राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में ग्रेनाइट की खान पर कब्जा करने और वहां से मशीनरी की चोरी के आरोप में राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस संबंध में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इस बारे में करेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया।
आसींद के पुलिस उपाधीक्षक योगेश शर्मा ने बताया, ‘‘अदालत के आदेश के बाद करेड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जो भी आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच अपराध अन्वेषण शाखा (क्राइम ब्रांच) द्वारा की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला एक मंत्री से जुड़ा है इसलिए इसकी जांच सीआईडी-सीबी से करायी जायेगी।
जाट राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और वह भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस मामले में मंत्री रामलाल जाट के अलावा पूरणमल गुर्जर, महिपाल सिंह, सूरज जाट और महावीर चौधरी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार मामला 17 सितंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 384 (जबरन वसूली), 379 (चोरी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी ने पहले एक स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां से शिकायत पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
करेड़ा थानाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि वह इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें हटा दिया गया है।
मामले में टिप्पणी के लिये मंत्री रामलाल जाट और भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू से संपर्क नहीं हो सका।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी को वर्ष 2012 में जिले के रघुनाथपुरा गांव में खनन विभाग से खनन पट्टा मिला था। वह साझेदार सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के साथ खनन फर्म अरावली ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक और शेयरधारक थे।
इसके अनुसार इन दोनों को, जोशी को 10 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इन्होंने इसमें से पांच करोड़ रुपए की शेयरहोल्डिंग जोशी के नाम हस्तांतरित कर दी। बाकी पांच करोड़ रुपए के लिए इन दोनों ने खनन पट्टे में अपनी हिस्सेदारी 5 करोड़ रुपये में मंत्री रामलाल जाट की ओर से उनके रिश्तेदारों के नाम करते हुए बेच दी।
प्राथमिकी की कॉपी में बताया गया है कि मंत्री ने खनन पट्टा अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करवा लिया और बाद में जोशी को पांच करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया।
प्राथमिकी में बताया गया कि मंत्री ने कहा कि वह दो करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं देंगे और वह भी खनन से होने वाली कमाई से देंगे। जब मैंने (शिकायतकर्ता ने)कहा कि वह अपनी हिस्सेदारी का पैसा चुकाए बिना खनन कैसे कर सकते हैं, तो मंत्री ने धमकी दी कि वह राजस्व मंत्री हैं और अगर उसने पैसे मांगे तो वह खानों को डायनामाइट से उड़ा देंगे।
प्राथमिकी की प्रति के अनुसार शिकायतकर्ता जोशी ने यह भी आरोप लगाया है कि मंत्री ने कहा कि वह उनका और उनके परिवार का जीना मुश्किल कर देंगे।
इसके अनुसार मंत्री और उनके साथी महावीर चौधरी और 8-10 अन्य लोगों ने खदान पर उनके मजदूरों को धमकाया और पीटा और वहां से भगा दिया। जून 2022 में आरोपी ने उसकी खनन मशीनरी चोरी करवा दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और भीलवाड़ा के जिला पुलिस अधीक्षक तथा करेड़ा पुलिस थानाधिकारी को शिकायत दी थी लेकिन उन्होंने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। अदालत के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामले की जांच अब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी-सीबी) को सौंप दी गई है।