चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 30 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उनसे उत्तरी सीमाओं पर पीएलए की तैनाती के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उत्तरी सीमाओं पर पीएलए की तैनाती दिन-ब-दिन नहीं बढ़ रही है, यह उसी स्तर पर है, जैसी 2020 में थी। इसलिए एक चुनौती है और सशस्त्र बल हर तरह के कदम उठा रहे हैं ताकि वहां कोई अप्रिय स्थिति नहीं हो। हम 2-देपसांग और डेमचोक को छोड़कर सभी जगहों पर वापस जाने में सफल रहे हैं और बातचीत जारी है।
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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन उम्मीद जताई कि कुछ समय में चीजें ठीक हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति अब उग्रवाद से संबंधित नहीं है। मणिपुर की स्थिति का काउंटर-इनसर्जेंसी से कोई लेना-देना नहीं है और मुख्य रूप से दो जातियों के बीच टकराव है। यह कानून और व्यवस्था की तरह की स्थिति है और हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। हमने बेहतरीन काम किया है और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है। मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं और इसमें कुछ समय लगेगा लेकिन उम्मीद है कि वे शांत हो जाएंगी।
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मणिपुर में 3 मई को शुरू हुए जातीय दंगों के बाद से संघर्षों में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। सीडीएस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर राज्य में जातीय तनाव को कम करने के उद्देश्य से सोमवार रात मणिपुर पहुंचे, जबकि सुरक्षा बल हिंसा के छिटपुट विस्फोटों को रोकना और अशांत क्षेत्र में कथित रूप से चोरी करने और हथियार जमा करने वाले लोगों को पकड़ना जारी रखा।