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केंद्र ने सीवाई-टीबी इंजेक्शन के सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण की आवश्यकता समाप्त की : सूत्र

 केंद्र ने सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण सुविधाओं की कमी के कारण सीरम संस्थान द्वारा निर्मित सीवाई-टीबी इंजेक्शन के परीक्षण की आवश्यकता समाप्त कर दी है जो अव्यक्त तपेदिक का पता लगाने के लिए है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
सूत्रों ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह द्वारा 24 अप्रैल और इसके बाद 30 मई को इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखने के बाद यह कदम उठाया गया।

सूत्रों के मुताबिक, सिंह ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को पत्र लिखकर सरकारी संस्थानों में परीक्षण सुविधाओं की कमी के कारण सीवाई-टीबी इंजेक्शन को परीक्षण से छूट की मांग की थी।एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इसके बाद सिंह ने मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय के हस्तक्षेप और मंजूरी का अनुरोध किया था।
सिंह ने पत्र में लिखा है कि डीसीजीआई ने 9 मई, 2022 को सीवाई-टीबी इंजेक्शन को बाजार में उतारने को मंजूरी दे दी थी, लेकिन मंजूरी के एक साल बाद भी, भारत में किसी भी सरकारी प्रयोगशाला में परीक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण सीवाई-टीबी इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है।


सिंह ने यह भी उल्लेख किया था कि सीवाई-टीबी अव्यक्त टीबी का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार को इसके ‘इन-हाउस’ परीक्षण की अनुमति देनी चाहिए ताकि भारत और दुनिया में बड़े पैमाने पर टीका उपलब्ध कराया जा सके।
डीसीजीआई ने एसआईआई के सीवाई-टीबी इंजेक्शन को बाजार अनुज्ञप्ति दी थी, जिसका उपयोग 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों के लिए अव्यक्त टीबी का पता लगाने के लिए त्वचा परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
गौरतलब है कि ‘अव्यक्त टीबी’ से संक्रमित व्यक्तियों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं और यह संक्रमित व्यक्तियों से अन्य व्यक्तियों में नहीं फैल सकती है। इसका इलाज नहीं मिलने पर उन व्यक्तियों (अव्यक्त टीबी से संक्रमित) में बाद में यह बीमारी हो सकती है।

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