जम्मू कश्मीर को आतंक से मुक्त करने के दिशा में केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में आतंक का खातमा करने के लिए लगातार कोशिशों में जुटी हुई है और ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध लगाया है। मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये दूसरा मौका है जब किसी संगठन पर बैन लगाया गया है।
बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत (टीईएच) पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह है, जो केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने का काम करता है। संगठन को बैन करने की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है। जानकारी के मुताबिक संगठन पर यूएपीए के तहत बैन लगाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संगठन पर बैन लगाने संबंधित घोषणा करते हुए कहा कि संगठन को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखते और भारत विरोधी दुष्प्रचार करते हुए पाया गया। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन की साजिश को ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत विफल कर दिया जाएगा। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (टीईएच) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है।’’
पाकिस्तान समर्थक इस समूह का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में था। इसके बाद इसका नेतृत्व मसर्रत आलम भट के पास आ गया। भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है। भट फिलहाल जेल में है और उसकी पार्टी ‘मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर’ को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था।
जानें बैन लगाने का कारण
भारत सरकार ने तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन की भारत विरोधी गतिविधियों के कारण संगठन पर बैन लगाया है। भारत सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा फैलाने का काम संगठन कर रहा था। संगठन आतंकियों को श्रद्धंजलि देता था और पत्थरबाजी को बढ़ावा दे रहा था। भारत के कानून का पालन करने में भी संगठन के लोगों की दिलचस्पी नहीं है।