नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और नगर सरकार को वैध लाइसेंस के बिना दवाओं की ऑनलाइन बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने केंद्र को उचित कदम उठाने तथा ऑनलाइन दवाओं की “अवैध” बिक्री पर अपने अंतिम रुख के बारे में अदालत को सूचित करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया।
इसे भी पढ़ें: मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तिलहन कीमतें पिछले स्तर पर, सरसों सहित अन्य खाद्य तेल तिलहन मजबूत
केंद्र के वकील ने अदालत को सूचित किया कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर एक मसौदा अधिसूचना के बारे में परामर्श अभी चल रहा है, जिसके बाद पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 16 नवंबर को सूचीबद्ध किया।
पीठ ने 28 अगस्त को पारित अपने आदेश में कहा, “भारत संघ को उचित कदम उठाने और उसके बाद इस मामले में उसके अंतिम रुख के बारे में अदालत को सूचित करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है। इस बीच, भारत संघ और राज्य सरकार को 12 दिसंबर, 2018 के अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के संबंध में कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है, जो कि बिना वैध लाइसेंस दवाओं की ऑनलाइन बिक्री में शामिल हैं।”
इसे भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर महिला बनकर पुरुषों को ठगने के आरोप में घाना का नागरिक गिरफ्तार
उच्च न्यायालय ने पहले केंद्र से दवाओं की ऑनलाइन “अवैध” बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
अदालत ऐसी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों में और संशोधन करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मसौदा नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।