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जनता दल (सेक्यूलर) में टूट के आसार, कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष ने राजग में शामिल होने के फैसले को नकारा

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के जनता दल (सेक्यूलर) के अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा के फैसले को नकारते हुए पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष सी.एम. इब्राहिम ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा नीत राजग में शामिल नहीं होगी।
जनता दल (सेक्यूलर) में संभावित विभाजन का संकेत देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उनके नेतृत्व वाला धड़ा मूल पार्टी है क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष है और प्रदेश अध्यक्ष के नाते वह कर्नाटक में संगठन के बारे में निर्णय ले सकते हैं।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा से अपील की कि भाजपा के साथ गठजोड़ करने के लिए अपनी मंजूरी नहीं दें क्योंकि इस निर्णय के बाद आसपास के राज्यों में कई लोग पार्टी छोड़ चुके हैं।
इब्राहिम ने कुछ पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा पहला फैसला है कि जनता दल (सेक्यूलर) राजग में शामिल नहीं होगा।

दूसरा फैसला देवेगौड़ा से यह अनुरोध करने का है कि उन्हें इस गठबंधन के लिए अपनी मंजूरी नहीं देनी चाहिए।’’
इब्राहिम ने कहा कि वह एक कोर समिति बनाएंगे जो देवेगौड़ा से मिलकर आज की बैठक में लिये गये फैसले से उन्हें अवगत कराएगी।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हालांकि कर्नाटक में हम अब भी आपसे (देवेगौड़ा से) स्नेह करते हैं। आप पिता तुल्य हैं। हम उन्हें (देवेगौड़ा को) बताएंगे कि हमें भाजपा से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए।’’
इब्राहिम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी केनेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष ‘‘बहुत स्वतंत्र’’ हैं और ‘‘हम उनके फैसले का इंतजार करेंगे’’।
उन्होंने कहा, ‘‘एक फैसला पार्टी कार्यकर्ताओं और सभी नेताओं ने लिया है। इस पृष्ठभूमि में उन्होंने (इब्राहिम ने) अपने समर्थकों के साथ बातचीत की। वह अपना निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं।’’

एच.डी. देवेगौड़ा नीत केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके इब्राहिम ने दावा किया कि पार्टी में उनके नेतृत्व वाला धड़ा मूल पार्टी है जो धर्मनिरपेक्ष है।
इब्राहिम से पूछा गया कि यदि देवेगौड़ा और उनके बेटे एच.डी. कुमारस्वामी ने उनके फैसले से सहमति नहीं जताई तो आगे उनकी क्या रणनीति होगी?
इस पर इब्राहिम ने कहा, ‘‘मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं। मुझे राज्य में अपनी पार्टी के बारे में फैसला करना है जो मैं करुंगा। हम पहले ही तय कर चुके हैं कि हम भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। इससे ज्यादा क्या कहा जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ जाने का फैसला कर लिया है तो वे चले जाएं।

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