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चांदनी चौक अग्निकांड में करोड़ों का नुकसान, व्यापारियों का कहना है सब कुछ जलकर राख

नयी दिल्ली। ‘‘सब कुछ राख हो गया है- सपने, दुकान और उसमें मौजूद सारा सामान’’ दिल्ली के चांदनी चौक में लगी भीषण आग में नष्ट हुई दुकान के एक व्यापारी ने यह बात कही। हादसे में क्षेत्र की दो इमारतें भी ढह गई। उनकी दुकान उन 50 दुकानों में से एक थी जो आग की चपेट में आकर जलकर खाक हो गई थी।12 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने के लिए 50 दमकल वाहनों और 200 जमीनी कर्मियों की आवश्यकता पड़ी थी। आग से क्षतिग्रस्त दुकानों की संख्या अभी बढ़ सकती है और व्यापारियों को हुआ नुकसान करोड़ों में हो सकता है। चांदनी चौक के पुराने कटरा मारवाड़ी मार्केट में बृहस्पतिवार शाम आग लग गई। 
हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। बृहस्पतिवार को शाम 4.15 बजे 60 वर्षीय नरेन्द्र अपने एक ग्राहक से नियमित बातचीत कर रहे थे, तभी उन्होंने चीखने की आवाज सुनी। उन्होंने कहा, ‘‘लोग चिल्ला रहे थे। हमें पहले से ही पता था कि हमारी दुकान एक संकरी जगह पर है। मैंने शीघ्र दुकान में मौजूद सभी लोगों से बाहर निकलने को कहा। कुछ ही मिनटों में सब कुछ जलकर राख हो गया।’’ अधिकारियों के अनुसार, साड़ियां, दुपट्टे और अन्य ज्वलनशील वस्तुओं वाली दुकानों में आग लगी। 
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने के कारण दो इमारतें ढह गईं, जिनमें कई दुकानें थीं। इसमें वह इमारत भी शामिल है जहां से आग लगी थी। नई सड़क व्यापारी संघ के अध्यक्ष दीपक महेंद्रू ने कहा कि पुलिस और अग्निशमन दल अभी भी व्यापारियों को उनकी दुकानों से दूर रख रहे हैं, क्योंकि और भी इमारतें गिर सकती हैं। महेंद्रू ने कहा, ‘‘ अब तक मुझे पता चला है कि 50 से अधिक दुकानें जल गई हैं, जिसमें केवल 70 से 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘ आग दुकान नंबर1580 या 1581 से शुरू हुई और कुछ ही समय में पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। सौभाग्य से, किसी को कोई चोट नहीं आई, अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती थी।’’ अग्निशमन विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान के बीच पुलिस ने दुकानदारों को उनकी दुकान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है। इसलिए व्यापारियों द्वारा नुकसान का पूरा अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। अग्निशमन विभाग के अनुसार, एक दुकान में एयर कंडिश्नर (एसी) में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी जो अन्य दुकानों तक फैल गई। आग की तीव्रता के कारण दो इमारतें ढह गईं। 
दुकानदार जसप्रीत सिंह (51) ने कहा, ‘‘सबसे पहले मुझे अपने कर्मचारियों और ग्राहकों को बचाना था। मैंने उनसे जल्द से जल्द दुकान खाली करने को कहा। मैं वहां से निकलने वाला आखिरी व्यक्ति था।’’ उसने बताया कि यह दुकान उसकी कमाई का एकमात्र जरिया थी। सिंह ने कहा, ‘‘ हम बता नहीं सकते हमें कितना दुख हुआ है। बस अब यही सवाल है कि घर कैसे चलेगा। हालांकि बीमा है, लेकिन उसे मंजूरी मिलने में बहुत टाइम लग जाता है।’’ डीएफएस अधिकारियों ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों को आपरेशन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 
 

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एक अधिकारी ने बताया, ‘‘(संकरी) गलियों के कारण हमें अपनी फायर होज को 300 मीटर से अधिक आगे बढ़ाना पड़ा और अतिरिक्त दबाव डालना पड़ा।’’ विभाग को आग बुझाने के लिए पानी के बाउजर और रोबोट का भी प्रयोग करना पड़ा। अधिकारी ने कहा कि आस-पास कोई जल स्रोत नहीं होने के कारण पानी की टंकियों को भरने में समस्या आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ दुकानों में ज्वलनशील पदार्थ थे जिन्हें जलाने के लिए बस एक छोटी सी चिंगारी की जरूरत होती है।’’ अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में लटकती बिजली की तारें अग्निशमन कर्मियों के लिए एक चुनौती थीं। शुक्रवार सुबह साढ़े चार बजे आग पर काबू पा लिया गया, जिसके बाद आठ दमकल वाहनों की मदद से घटनास्थल पर शीतलन अभियान चलाया गया।

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