भारत के तीसरे चंद्र मिशन के अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की अपनी यात्रा का दो-तिहाई हिस्सा पूरा कर लिया है। शाम सात बजे यान को चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया। 1 अगस्त को अंतिरक्ष यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया गया। आज चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया। इस प्रक्रिया को लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (एलओआई) कहते हैं। चंद्रयान अभी धरती के जिस तरफ चक्कर लगा रहा था, आज से वो चंद्रमा के चारों ओर उलटी दिशा में चक्कर लगाएगा। यान पहले अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। इसके बाद 100 किमी की दूरी रहने पर ये गोलाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा।
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इसरो के चंद्रयान मिशन में आगे क्या क्या
शनिवार शाम को चंद्रयान-3 को चांद की बाहरी कक्षा में इंजेक्ट किया गया। फिर ये चंद्रमा के चक्कर लगाना शुरू करेगा। अगले करीब 18 दिन तक चंद्रयान 3 उसी तरह धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर बढ़ेगा, जैसे-जैसे ये पृथ्वी से दूर गया था। 23 अगस्त 2023 की शाम को चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। ये सबसे बड़ी चुनौती है। फिर चंद्रयान 3 का असली मिशन शुरू होगा। इसरा रोवर चंद्रमा की सतह के सैंपल लेगा। अन्य कई परीक्षण भी करेगा। चंद्रयान 3 वहां से सारा डेटा और तस्वीरें इसरो के वैज्ञानिकों को भेजेगा। इस डेटा का एनालिसिस कर चांद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश होगी।
ISRO tweets, “Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit. A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru. The next operation – reduction of orbit – is scheduled for Aug 6, 2023, around 23:00 Hrs.… pic.twitter.com/qup163DuXW