केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने शुक्रवार को मोहित जायसवाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, उसके बेटे उमर अहमद और 15 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए।
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने आरोप तय किए। अदालत नेजांच एजेंसी सीबीआई को 17 अप्रैल को अपने गवाह पेश करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने इस मामले में आरोपी अतीक अहमद पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरोप तय किए जबकि जेल में उसके पुत्र मोहम्मद उमरऔर अन्य आरोपियों को अदालत में पेश किया गया।
जमानत पा चुके आरोपी व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर थे।अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 दिसंबर 2018 को कारोबारी मोहित जायसवाल ने लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिएगोमती नगर स्थित ऑफिस से उनका अपहरण करवा लिया था।
प्राथमिकी में उन्होंने आरोप लगाया है कि अतीक अहमद ने जेल में उनके साथ मारपीट की तथा उससे सादे पन्ने पर दस्तखत करने कहा, लेकिन जब उन्होंने दस्तखत करने से इनकार किया तब अतीक अहमद, उसके बेटे उमर तथा अन्य गुर्गों ने मिलकर उन्हें बुरी तरह से तमंचे व लोहे की रॉड तथा पट्टे से पीटा।
प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि इन सभी लोगों नेमोहित जायसवाल से स्टाम्प पेपर पर जबरन हस्ताक्षर बनवा लिए तथा 45 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने नाम करा ली।उच्चतम न्यायालय तक यह मामला पहुंचा था और शीर्ष अदालत के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई को दी गयी थी।
सीबीआई ने 12 जून, 2019 को जांच अपने हाथ में ली थी। जांच के क्रम में सीबीआई ने मामले में चार अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए थे।
वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी के प्रयागराज के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद हाल ही फिर सुर्खियों में आ गये जब प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों को गोलियां बरसाकर मार दिया गया। अतीक अहमद इस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं।