मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश की घोषणा की। साथ ही यह भी कहा कि 2018 की फिल्म ‘‘पद्मावत’’ पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हुए आंदोलनों के संबंध में दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे।
उन्होंने यहां मुख्यमंत्री निवास परिसर में क्षत्रिय समागम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘पद्मावत’’ में रानी पद्मिनी को कथित तौर पर कमतर दिखाये जाने के विरोध में 2018 की शुरुआत में कई राज्यों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए थे।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री चौहान ने क्षत्रिय समागम में प्रस्तुत 21 सूत्रीय मांग पत्र के परिप्रेक्ष्य में मांगें स्वीकार करते हुए महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश स्वीकृत करने की घोषणा की।’’
चौहान ने कहा, ‘‘महाराणा प्रताप ने कभी भी स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया और वह हमारी शक्ति, सामर्थ्य और प्रेरणा के स्रोत हैं। पृथ्वीराज चौहान ने 18 बार विदेशी अक्रांताओं को परास्त किया था।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने के लिए चर्चा कर कदम उठाए जायेंगे।
चौहान ने कहा कि भोपाल स्थित मनुआभान की टेकरी पर रानी पद्मावती की प्रतिमा स्थापित करने के लिए आज ही भूमि-पूजन किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने अपने निवास से रवाना होकर मनुआभान की टेकरी पर रानी पद्मावती की प्रतिमा की स्थापना के लिये भूमि-पूजन किया।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों और परिवारों की वंशावली आदि से छेड़छाड़ करने वालों पर कानून कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम समिति में एक प्रतिनिधि राजपूत समाज का होगा, इतिहास को सही संदर्भ में लिखा जाएगा और पाठ्यक्रमों की गड़बड़ियों को ठीक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को विशेष सहयोग देने की व्यवस्था की जाएगी। चौहान ने कहा कि सवर्ण आयोग में एक राजपूत क्षत्रिय प्रतिनिधि आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत के पूर्व प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा तथा गाय के गोबर व गौमूत्र खरीदने एवं बेचने की पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाएगी।