छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय ने राज्य में कथित शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को जमानत दे दी है।
अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कथित शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार कारोबारी नितेश पुरोहित और त्रिलोक ढिल्लन को अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने इसी मामले में अन्य आरोपी अनवर ढेबर की जमानत की अवधि को आगे बढ़ा दिया है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
सिद्दीकी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नितेश पुरोहित एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। इस मामले में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति दीपक तिवारी की एकल पीठ के समक्ष हुई।
अधिवक्ता ने बताया कि याचिका में कहा गया कि पूर्व में इसी मामले में अन्य अभियुक्त को उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत प्रदान की है। याचिका के अनुसार नितेश पुरोहित गंभीर बीमारी से भी पीड़ित हैं।
उन्होंने बताया कि ईडी की तरफ से जमानत याचिका का विरोध किया गया।
सिद्दीकी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद नितेश पुरोहित और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन को अंतरिम जमानत दे दी है।
अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में इस मामले के साथ-साथ एक अन्य अभियुक्त अनवर ढेबर के मामले की भी सुनवाई हुई। न्यायालय ने अनवर ढेबर के अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ा दिया है। उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को ढेबर को अंतरिम जमानत दी थी।
ईडी के मुताबिक एक ‘सिंडिकेट’ द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार में एक बड़ा घोटाला हुआ है।
जिसमें राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक आरोपियों ने 2019-22 के बीच दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार किया। ईडी ने इस मामले में ढेबर समेत पांच लोगों गिरफ्तार किया था।
मामले की जांच के दौरान ईडी ने अदालत में 13 हजार पन्नों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया है।ईडी ने इस मामले में अनवर ढेबर सहित कुछकारोबारियों तथा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है तथा उनकी संपत्ति कुर्क की है।