मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के एक विधायक ने रविवार को कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से बनना चाहिए।
उन्होंने आदिवासियों से कहा कि जब तक प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा, तब तक घर नहीं बैठना।
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई नेता नियमित रूप से कहते रहे हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ विधानसभा चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
कमलनाथ दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के विद्रोह ने कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया था, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में है।धार जिले के गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक उमंग सिंघार ने धार जिले के कोटेश्वर में जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा तब तक घर नहीं बैठना। चाहते हो मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी बने। मैं अपनी बात नहीं कर रहा हूं।
मेरे अपने समाज की बात कर रहा हूं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे समाज का आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए। मैं नेताओं का प्रिय नहीं हूं। मैं आदिवासियों का प्रिय हूं। मैं आपकी बात करता हूं, आपके अधिकार की बात करता हूं। कई नेताओं को मिर्ची लगती है लेकिन डरने वाला आदमी नहीं हूं।’’
उनकी इस मांग से प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
सिंघार मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रह चुके हैं और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं।