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मुख्यमंत्री ने की सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयासों की समीक्षा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के प्रयासों की समीक्षा के लिए एक बैठक की।
राज्य सरकार की ओर से यहां जारी एक बयान के अनुसार, बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीजी मुख्य रूप से अंग्रेजी के फाइव पी (पीपल, प्रॉस्पेरिटी, पीस, पार्टनरशिप और प्लैनेट) के सिद्धांत पर आधारित हैं और सरकार वर्ष 2030 तक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में इसके अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने एसडीजी के ढांचे के तहत चिन्हित क्षेत्रों में राज्य द्वारा की गई प्रगति पर संतोष जाहिर किया।
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य ने एसडीजी में शामिल एक महत्वपूर्ण लक्ष्य यानी गरीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

प्रदेश में रिकॉर्ड 3.43 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को अधिकतम लाभ पहुंचाया है। राज्य सरकार वर्ष 2024 तक हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2018 से एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना लागू की गई है, और इसके सकारात्मक परिणाम देखे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य की वास्तविक प्रगति का डेटा केंद्र और नीति आयोग के विभिन्न मंत्रालयों के साथ साझा किया जाना चाहिए और एसडीजी एजेंडा-2030 में शामिल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा नियमित निगरानी की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में सुधार करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि भूजल दोहन को कम करते हुए भूजल रिचार्ज को बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा मिशन मोड में कार्य किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित किया जाये और उच्च शिक्षा में नामांकन बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास किये जाएं।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं लेकिन सभी वर्गों एवं क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास किये जाने चाहिए।

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