23 जून को पटना में विपक्ष की महाबैठक के बाद से ही बिहार के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सुदूर महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) विधायकों के साथ बैठक हुई, जिससे राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने पूछा कि क्या नीतीश भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में एक और वापसी के बारे में सोच रहे हैं। तेजस्वी पर ऐसे ही आरोपों को लेकर नीतीश ने 2017 में राजद से नाता तोड़ लिया था। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की बातचीत के साथ ही अगर नीतीश फिर से एनडीए में लौटते हैं तो उनका क्या रुख होगा इसको लेकर अपने विचार रखे हैं।
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चिराग पासवान ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए वह कितने भी यू-टर्न ले सकते हैं। लेकिन, यह एक काल्पनिक स्थिति है और इस प्रश्न पर मेरा काल्पनिक उत्तर यह है कि भाजपा ने उनके लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यह बात कई बार कह चुके हैं। अगर फिर भी ऐसा होता है, तो यह देखना होगा कि क्या मेरे सहित नीतीश को छोड़ने वाले लोग फिर से उनके साथ आ सकते हैं। भाजपा को यह तय करना होगा कि क्या वह नीतीश को वापस पाने के लिए तीन से चार संभावित सहयोगियों को छोड़ना चाहती है।