दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादे के बाद आज से यमुना नदी की सफाई शुरू हो गई है। रविवार को ट्रैश स्कीमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनों से यमुना नदी की सफाई शुरू की गई। बता दें, पीएम मोदी ने कहा था कि दिल्ली चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सबसे पहले यमुना नदी की सफाई करेगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने यमुना नदी की सफाई की जानकारी देते हुए कहा, ‘मुना नदी की सफाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है। कचरा निकालने वाली मशीनें, खरपतवार निकालने वाली मशीनें और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट आज से नदी में सफाई अभियान शुरू कर चुके हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (आई एंड एफसी) से मुलाकात की और उन्हें तुरंत काम शुरू करने को कहा था।’
#WATCH | Delhi Lt Governor Office says, “Works on cleaning river Yamuna have already begun with trash skimmers, weed harvesters and a dredge utility craft already starting cleaning operations in the river today. Delhi LG VK Saxena yesterday met the Chief Secretary and ACS (I&FC)… pic.twitter.com/aNY5FiuInr
— ANI (@ANI) February 16, 2025
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दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने आगे बताया कि उन्होंने इस मुद्दे से निपटने के लिए चार-आयामी रणनीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि पहली रणनीति में, यमुना नदी की धारा में मौजूद कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा। दूसरी रणनीति में, नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और अन्य सभी प्रमुख नालों में सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। तीसरी रणनीति में, मौजूदा एसटीपी की क्षमता और आउटपुट के संदर्भ में दैनिक निगरानी रखी जाएगी। चौथी रणनीति में, लगभग 400 एमजीडी सीवर के उपचार की वास्तविक कमी को पूरा करने के लिए नए एसटीपी/डीएसटीपी आदि के निर्माण के संदर्भ में एक समयबद्ध योजना बनाई जाएगी और उसे चालू किया जाएगा।’
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कार्यालय ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘लगभग 3 वर्षों में नदी को साफ करने का लक्ष्य रखने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता होगी, जिसमें डीजेबी, आईएंडएफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए शामिल हैं। उपर्युक्त कार्यों की निगरानी साप्ताहिक आधार पर उच्चतम स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने भी इस संबंध में एक विस्तृत योजना बनाई है। शहर में औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालियों में अशोधित अपशिष्ट के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।’