महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच कहा है कि ऐसी अटकलें उसी दिन से चल रही हैं जिस दिन मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अजित पवार के शामिल होने के बाद शिवसेना विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित पवार के राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद हमारी सरकार और मजबूत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष शिवसेना विधायकों में असंतोष होने की अफवाहें फैला रहा है।
हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले अजित पवार ने कहा था कि उनकी भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी कहा है कि भाजपा की ओर से अजित पवार को मुख्यमंत्री पद देने का आश्वासन देने के बाद ही एनसीपी विधायकों ने बगावत कर शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन दिया है। इस तरह की भी अटकलें थीं कि अजित पवार के सरकार में आने के बाद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायकों में भी असंतोष है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले शिवसेना के जनप्रतिनिधियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की और कहा कि परेशान होने की कोई बात नहीं है।
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शिवसेना के नेताओं ने बताया कि शिंदे ने बुधवार रात अपने आधिकारिक निवास वर्षा में शिवसेना विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक देर रात तक चली। शिवसेना नेताओं ने बताया कि शिंदे ने बैठक में कहा कि दो जुलाई को अजित पवार के सरकार में शामिल होने और आठ अन्य राकांपा नेताओं के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के घटनाक्रम की उन्हें जानकारी थी। पार्टी के एक सांसद ने कहा, ”बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र और पार्टी के संगठन को मजबूत करना।” पार्टी के एक अन्य सांसद ने कहा कि शिंदे से पूछा गया था कि क्या उन्हें राकांपा में अचानक हुए घटनाक्रम के बारे में पता था, जिस पर उन्होंने हां में जवाब दिया। सांसद ने कहा कि शिंदे ने बताया कि राजनीतिक घटनाक्रम बहुत तेज गति से हुआ, जिसके कारण शिवसेना के जनप्रतिनिधियों को उस बारे में पहले से सूचित नहीं किया जा सका। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह के सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल होने से पार्टी जनप्रतिनिधियों को ही मदद मिलेगी। इस बैठक के बाद शिवसेना प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। यह सरकार मजबूती के साथ काम करते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उल्लेखनीय है कि अजित पवार खेमे से नौ मंत्रियों के शामिल होने के बाद, शिंदे-फडणवीस कैबिनेट में कुल 29 मंत्री हो गए हैं, जबकि 14 पद अब भी खाली हैं।