उत्तराखंड को लैंड जिहाद से मुक्ति दिलाने के अभियान में तेजी से जुटे हुए और देवभूमि में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब अपने राज्य को लव जिहाद के चंगुल से भी मुक्ति दिलाने का संकल्प ले चुके हैं। हम आपको बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड से ऐसी कई घटनाएं सामने आईं जिनको लव जिहाद से जोड़कर देखा गया। इन्हीं घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री ने आला पुलिस अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है और कहा है कि लव जिहाद को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
पुरोला में हालात तनावपूर्ण
हम आपको बता दें कि उत्तराखंड की राजनीति इसलिए गर्मा गयी है क्योंकि हाल ही में पुरोला में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। दरअसल यहां कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने की कोशिश की गयी थी। रिपोर्टों के मुताबिक, एक मुस्लिम समेत दो व्यक्तियों द्वारा 26 मई को एक हिंदू लड़की को अगवा करने की कोशिश को स्थानीय लोगों ने विफल कर दिया था। उसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपके नजर आये जिनमें उन्हें तत्काल शहर से चले जाने की धमकी दी गयी थी। इस बारे में उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की एक टुकड़ी तैनात की गयी है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार पुलिस ने शहर के मुख्य बाजार इलाके में फ्लैग मार्च किया और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की। उनके मुताबिक पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने में सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और प्रभावशाली लोगों से सहयोग मांगा।
यदुवंशी ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा, ‘‘इस मामले में तत्काल लड़की को मुक्त कराया गया एवं उसे उसके परिवार को सौंपा गया। आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।’’ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मुसलमानों की दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपकाने के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है और अपराधियों के विरुद्ध उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
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इस बीच, भैरव सेना ने बुधवार को पुरोला शहर में जुलूस निकाला और एक खास समुदाय के विरुद्ध साजिश करार देते हुए लोगों से ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की तथा ऐसी गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा। हालांकि व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि वे शहर में अपनी दुकान खोलने वाले किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ”लेकिन संदिग्ध गतिविधियों में लगे आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को पुरोला में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपराधिक तत्वों तथा मादक पदार्थ का सेवन करने वालों तथा अन्य संदिग्ध गतिविधियां करने वाले लोगों से कड़ाई से निपटा जाए।’’ जब उनसे 15 जून की महा पंचायत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
हम आपको बता दें कि अपहरण की कोशिश की घटना के करीब दो सप्ताह बाद भी शहर में तनाव कम नहीं हुआ है। मुसलमानों की करीब 40 दुकानें अब भी बंद हैं। रविवार शाम को चिपकाये गये पोस्टर में दुकानदारों से 15 जून की महापंचायत से पहले पुरोला छोड़ देने, अन्यथा दुष्परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी है। देवभूमि रक्षा अभियान ने यह महापंचायत बुलायी है। पुरोला, बारकोट और चिनयालियासौर समेत उत्तरकाशी जिले की गंगा एवं यमुना घाटियों के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने अपहरण के प्रयास की घटना को ‘लव जिहाद’ बताया है। इस प्रदर्शन की अगुवाई विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जागृति मंच जैसे दक्षिणपंथी संगठनों ने की जिसमें स्थानीय व्यापारिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले मुस्लिम दुकानदार ही इस अपहरण प्रयास एवं अतीत की ऐसी अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। इस बीच, उत्तरकाशी जिला पंचायत के अध्यक्ष दीपक बिजालवान ने मकान मालिकों से अपना मकान बाहर के लोगों को किराये पर नहीं देने की भी अपील की है। स्थानीय व्यापारिक संगठनों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिला पंचायत राज्य के बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को अपना धंधा नहीं करने देगी।
उत्तरकाशी की घटना
इस बीच, उत्तरकाशी से एक और मामला सामने आया है। इसके मुताबिक खुद को हिंदू बताने और दो नाबालिग बहनों को भगा ले जाने की कोशिश करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मोरी थाना प्रभारी मोहन सिंह कठैत ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला निवासी व्यक्ति को दोनों लड़कियों की मां द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने 16 और 14 वर्षीय दोनों बहनों से ‘पबजी’ और ‘फ्री फेयर ऑनलाइन’ गेमिंग ऐप के जरिये दोस्ती की तथा उन्हें अपना परिचय गुड्डु के रूप में दिया था, जबकि व्यक्ति की पहचान नवाब के तौर पर की गई है। पुलिस के मुताबिक, नवाब दोनों लड़कियों से वीडियो कॉल के जरिये पिछले दो साल से बातचीत कर रहा था। कठैत ने बताया कि नवाब ने दोनों बहनों को अराकोट बुलाया, लेकिन उनके परिजनों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने लड़कियों का पीछा करके पकड़ लिया। कठैत ने बताया कि दोनों बहनें मूल रूप से नेपाल की रहने वाली हैं और अराकोट इलाके के किरानु गांव में रहती हैं। उनकी मां ने पुलिस में अपनी शिकायत में कहा है कि नवाब ने उन दोनों को मुंबई में नौकरी दिलाने और उनसे शादी करने का वादा किया था। शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने दोनों बहनों की वीडियो क्लिप भी बनाई थी और उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था।