हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए अगले 60 दिनों में एक पारदर्शी प्रणाली लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार को ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ किया जाएगा।
कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) परीक्षा ‘पेपर लीक’ को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) का कामकाज राज्य सरकार द्वारा निलंबित किये जाने के एक दिन बाद उनका यह बयान आया है।
सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम घोटालों को उजागर करने के लिए सत्ता में आये हैं।’’
उन्होंने कहा कि आयोग के कर्मचारी एचपीएसएससी द्वारा पूर्व में संचालित की गई परीक्षाओं में हुई कथित गड़बड़ी की जांच के लिए गठित विशेष जांच समिति (एसआईटी) की निगरानी के दायरे में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीएसएससी की गोपनीयता शाखा की वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद के घर से जूनियर ऑडिटर और कंप्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों की बरामदगी ने पेपर लीक होने की ओर इशारा किया, इसलिए सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि और भी महत्वपूर्ण जानकारियां निकट भविष्य में सामने आएंगी। उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने अपनी आंखें मूंद रखी थीं और पार्टी नेताओं के करीबियों को नौकरी देने के लिए मेधा के साथ खिलवाड़ किया।
उन्होंने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का उदाहरण दिया और आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रश्न पत्रों को हल किया गया और तथा बेचा गया।
सुक्खू ने कहा कि भर्ती के लिए एक पारदर्शी प्रणाली अगले 60 दिनों में लाई जाएगी और एक महीने में इसके तौर-तरीके तय किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नौकरियों में भ्रष्टाचार से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।
संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार और पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने से जुड़े सवालों का जवाब देने से बचने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज मीडिया को कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) पेपर लीक के सिलसिले में संबोधित किया है और आने वाले समय में अन्य सवालों के जवाब दूंगा।’’
सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने पुलिस विभाग को पेपर लीक में संलिप्त असामाजिक तत्वों पर नजर रखने को कहा है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की और एचपीएसएससी के एक कर्मचारी, उसके बेटे तथा एक दलाल को कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के हल किए गए प्रश्न पत्र के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।