उत्तर प्रदेश में लोकसभा का चुनाव सबसे पहले पश्चिम क्षेत्र में होगा। यही कारण है कि इस क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने की शुरुआत कर दी है। भाजपा ने भी अपने प्रचार के लिए रणनीति पूरी तरीके से तय कर ली है। माना जा रहा है कि 27 तारीख से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है। पश्चिमी क्षेत्र में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम से कम तीन सफाई हो सकती हैं तो वहीं योगी आदित्यनाथ भी अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। 27 मार्च से योगी आदित्यनाथ चुनावी दंगल में उतरेंगे। वह 27 से 31 मार्च तक प्रबुद्ध सम्मेलनों के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसकी शुरूआत भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा से होनी है।
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27 को ही योगी आदित्यनाथ मेरठ और गाजियाबाद में भी चुनाव प्रचार में शामिल होंगे। 28 मार्च को बिजनोर, मुरादाबाद और अमरोहा में प्रस्तावित सम्मेलन है। 29 मार्च को शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के लिए निर्धारित सम्मेलनों और उसके बाद 30 मार्च को बागपत, बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर में सम्मेलनों के साथ गति जारी है। 31 मार्च को अभियान के शुरुआती चरण की परिणति होगी, जिसमें बरेली, रामपुर और पीलीभीत के लिए सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। योगी आदित्यनाथ राज्य में बीजेपी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे। एनडीए के साथ हाल ही में आए राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंन चौधरी भी 28 मार्च से मैदान में उतरेंगे।
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मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को होली के पर्व के अवसर पर कहा कि आपसी वैमनस्य को समाप्त करके सत्य और न्याय के मार्ग पर चलकर ही हम समाज को शक्तिशाली बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जहां विभाजन होगा, वहां समाज मजबूत नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म शोक और पश्चाताप में नहीं बल्कि उत्साह और आशावाद में विश्वास करता है और होली का पर्व भी यही संदेश देता है। आदित्यनाथ ने गोरखपुर में होली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह त्योहार एक सौहार्दपूर्ण समाज की स्थापना की भावना का प्रतीक है।