महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के वास्ते एक अलग विभाग बनाने की अनुमति दी। अलग विभाग बनाए जाने को राज्य में सुशासन के नियमन के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जहां सुशासन के नियम हैं और इसका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि नागरिकों को तेजी से और सुचारू रूप से सेवाएं मिलें।
इसमें कहा गया है कि राज्य में जलवायु परिवर्तन पर कदम उठाने के लिए एक अलग विभाग होगा, जो गर्मी में ‘लू’, बेमौसम बारिश से निपटने के लिए एक कार्य योजना लागू करेगा और प्रौद्योगिकी के जरिये नागरिकों को निर्णय लेने में शामिल करेगा।
शिंदे ने सुशासन नियम तैयार करने के लिए पिछले साल सितंबर में सेवानिवृत्त नौकरशाहों की एक समिति गठित की थी और इसने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
एक अधिकारी ने बताया, “रिपोर्ट में 16 अध्यायों में 200 सुझाव दिए गए हैं। नियमों में 161 संकेतक हैं जिनके माध्यम से जिला स्तर तक सुशासन की निगरानी की जाएगी। संपूर्ण ऑनलाइन सेवाओं के लिए एक समय सीमा प्रदान की गई है।”
उन्होंने बताया, “नागरिक शिकायत दर्ज करा सकेंगे और उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। सरकारी काम ‘ई-आफिस’ के जरिये होंगे और सार्वजनिक आंकड़ों को डिजिटल किया जाएगा। एक सरकारी फाइल चार चरणों से अधिक नहीं चलेगी।