अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को जी-20 देशों के युवाओं का दो दिवसीय समग्र स्वास्थ्य सम्मेलन शुरू हुआ जिसमें प्रतिनिधियों ने रोगियों को सर्वश्रेष्ठ उपचार प्रदान करने के लिए सभी चिकित्सा प्रणालियों की ताकत को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चिकित्सा की आधुनिक और पारंपरिक प्रणालियों पर पैनल चर्चा के समापन संबोधन में पीजीएमआईईआर चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक के के तलवार ने कहा, रोगियों को सर्वश्रेष्ठ उपचार प्रदान करने के लिए दवाओं की आधुनिक और वैकल्पिक प्रणालियों की ताकत को समाहित करने के उद्देश्य से एक एकीकृत, समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का समय आ गया है।
बंगलुरू स्थित निमहांस के पूर्व निदेशक बीएन गंगाधर ने भी तलवार की बात से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का समागम जरूरी है और रोगी को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा देखभाल प्रदान करना चिकित्सा की सभी प्रणालियों का अंतिम लक्ष्य है।
स्वामी दयादीपानंद जी महाराज ने योग की उपचारात्मक शक्तियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उसे प्राणायाम, आसन और ध्यान के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा को एक करने की कला बताया।
उन्होंने प्रतिनिधियों के समक्ष सांस और ध्यान के अभ्यास का एक संक्षिप्त प्रदर्शन भी दिया और कहा कि इसके नियमित अभ्यास से मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
सम्मेलन की शुरुआत उत्तराखंड बाल एवं महिला कल्याण तथा खेल मंत्री रेखा आर्य एवं अन्य प्रतिनिधियों ने दीप जलाकर की।