नयी दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रीजीजू ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के हवाले से ‘कर्नाटक की सम्प्रभुता’ को लेकर किए गए एक ट्वीट के मद्देनजर प्रमुख विपक्षी पार्टी पर देश को कमजोर करने के लिए ‘विभाजनकारी नीति’ अपनाने का आरोप लगाया।
रीजीजू की यह टिप्पणी भाजपा द्वारा इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग का रुख करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है।
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निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पार्टी के सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण देने और उसमें सुधार करने को कहा है।
कांग्रेस के ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ रीजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस पार्टी भारत को कमजोर करने के लिए विभाजनकारी नीति अपना रही है। वे मोदी जी (नरेन्द्र मोदी) से नफरत करते हैं क्योंकि एक विनम्र व्यक्ति को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है जो सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता के रूप में भी उभरा है। उन्हें भारत से नफरत क्यों करनी चाहिए? आखिरकार, कांग्रेस छह दशकों तक सत्ता में थी।’’
कांग्रेस ने शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने ‘‘6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया’’।
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पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करती दिख रही हैं।
कांग्रेस ने ट्वीट किया था, ‘‘कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी।’’
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले अपनी अंतिम प्रचार रैली में रविवार को सोनिया गांधी के इसी बयान के मद्देनजर आरोप लगाया था कि कांग्रेस कर्नाटक को भारत से ‘‘अलग करने’’ की खुलकर वकालत कर रही है।