हरियाणा चुनावों में करारी हार का सामना करने के एक दिन बाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पवन खेड़ा और अजय माकन सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल परिणामों पर चिंता व्यक्त करने के लिए दिल्ली में भारत के चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के सिलसिले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की है। कई कांग्रेस नेताओं ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की गिनती की प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त किया है।
इसे भी पढ़ें: Kashmir के रिजल्ट पर पाकिस्तान मना रहा था खुशियां, इजरायल ऐसे टूट पड़ा, भारत भी हो जाएगा हैरान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित करार देते हुए कहा कि अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराया जाएगा। कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित और लोक भावना के खिलाफ करार देते हुए कहा था कि इस जनादेश को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य में तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार हुई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने षड्यंत्र का आरोप भी लगाया था और दावा किया था कि तीन-चार जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं जिनसे मुख्य विपक्षी दल निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगा।
इसे भी पढ़ें: जब-जब विरोधी चलते हैं जाति वाला दांव, बीजेपी निकाल लाती है वो ब्रह्मास्त्र, मुलायम-मायावती, लालू-पासवान किसी के पास नहीं रही जिसकी काट
चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित एक पत्र में कहा कि वह अप्रत्याशित परिणामों पर पार्टी अध्यक्ष के रुख को मानता है, न कि पार्टी के कुछ नेताओं के इस रुख को कि परिणाम स्वीकार्य नहीं हैं। कांग्रेस नेताओं को बयान पर आयोग ने कहा कि देश की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत में सामान्य अर्थों में उपर्युक्त जैसा अभूतपूर्व बयान अनसुना है, यह मुक्त भाषण और अभिव्यक्ति के वैध हिस्से से बहुत दूर है और यह वैधानिक और नियामक चुनावी ढांचे के अनुसार व्यक्त लोगों की इच्छा को अलोकतांत्रिक रूप से अस्वीकार करने की ओर बढ़ता है। बता दें कि जून में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई पहली बड़ी सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी। कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा।