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रामटेक महाराष्ट्र का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के श्याम कुमार बर्वे ने शिवसेना के पिछले 10 साल के राज को खत्म करते हुए जीत हासिल की है। पहली लोकसभा के लिए 1952 के चुनावों के दौरान यह निर्वाचन क्षेत्र नहीं था। इसे 1957 में दूसरी लोकसभा के लिए निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया। यह क्षेत्र नागपुर ज़िले का हिस्सा है। इस क्षेत्र को सिंदूरगिरि भी कहते हैं। इस इलाके में सुरनदी भी बहती है। वनवास के समय भगवान राम के यहां ठहरने के कारण इस जगह को रामटेक कहा जाता है। रामटेक के पास रामगिरि नामक पर्वत है। पर्वत पर श्रीराम मंदिर है। रामटेक से दो मील दूर रामसागर तथा अम्बासागर नामक दो पवित्र सरोवर हैं। इस क्षेत्र में एक प्रचलित जैन मन्दिर भी है।
इस लोकसभा क्षेत्र नागपुर ग्रामीण जिले के अंतर्गत आता है। जो काटोल, सावनेर, हिंगना, उमरेड, कामठी और रामटेक विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। रामटेक विधानसभा क्षेत्र की काटोल विधानसभा सीट दिग्गज एनसीपी नेता और वर्तमान में शरद पवार गुट में शामिल अनिल देशमुख के कारण भी जानी जाती है। इस सीट से देशमुख 1995 के बाद से सिर्फ 2014 में ही विधानसभा का चुनाव हारे हैं। वर्तमान में वे इस क्षेत्र की बतौर विधायक सेवा रहे हैं। 1962 में महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही इस लोकसभा क्षेत्र की सावनेर विधानसभा सीट भी अस्तित्व में आ गई थी।
जिस पर कांग्रेस के मजबूत नेता सुनील केदार लगातार 2004 से चुनाव जीते चले आ रहे हैं, लेकिन वर्तमान में यह सीट खाली है। क्योंकि विधायक सुनील केदार को 2023 में नागपुर हाई कोर्ट द्वारा 25 साल पुराने एक धोखाधड़ी के मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई थी। राज्य में 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आये हिंगना विधानसभा क्षेत्र पर 2009 के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी का एकछत्र राज कायम है। वर्तमान में पार्टी के नेता समीर मेघे यहां से विधायक हैं। उनके पहले पार्टी के ही विजयबाबू घोड़मारे इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
महाराष्ट्र की रामटेक लोकसभा क्षेत्र की उमरेड विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। जहां के मतदाताओं ने अब तक सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी पर ही अपना भरोसा जताया है। वर्तमान में यह विधानसभा सीट खाली है, क्योंकि इसके विधायक श्याम कुमार बर्वे इसी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं। महाराष्ट्र राज्य की विधानसभा में 58 नंबर से जाने जानी वाली कामठी विधानसभा सीट पिछले लगभग 20 साल से बीजेपी के कब्जे में है। जिसके नेता टेकचंद सावरकर इस क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में पहुंच रहे हैं। उनके पहले पार्टी के ही नेता चंद्रशेखर बावनकुले भी 15 साल तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2019 में हुए आखिरी विधानसभा चुनाव में रामटेक लोकसभा क्षेत्र की रामटेक विधानसभा सीट के मतदाताओं ने किसी बड़ी पार्टी पर भरोसा ना जताते हुए निर्दलीय उम्मीदवार आशीष जायसवाल को विधानसभा में पहुंचा था। विधायक आशीष जायसवाल 1999 से लेकर 2014 तक शिवसेना के टिकट पर भी लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं।