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‘कांग्रेस पेपर लीक की जननी’, राहुल गांधी पर BJP का पलटवार, उम्र के साथ व्यक्ति की बुद्धि नहीं बढ़ती

नीट परीक्षा विवाद और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने को लेकर राजनीति जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर निशाना साधा। अब इसी को लेकर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क और संवेदनशील है। सरकार प्रतिबद्ध है और लाखों छात्रों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 

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कांग्रेस नेता पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को लाखों छात्रों के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है, वह बस इस विषय पर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। राजस्थान में पेपर लीक हुआ लेकिन राहुल गांधी ने इस पर एक शब्द नहीं बोला। त्रिवेदी ने कहा कि यह विषय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, तो सरकार अपने उस संवैधानिक दायित्व को भलीभांति समझती है कि जो न्यायालय का निर्देश होगा उनके अनुसार जो भी प्रभावी कार्रवाई होगी वो सरकार करने के लिए संकल्पबद्ध होगी। उन्होंने साफ तार पर कहा कि कांग्रेस पेपर लीक की जननी है। 
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यदि राहुल गांधी जी, जो तीसरे प्रयास में भी थर्ड डिवीजन भी नहीं आ पाए, अर्थात 100 सीटें भी नहीं पा सके, वो आकर अपने को मेधावी छात्रों का प्रतिनिधि घोषित करने का प्रयास करें और जब यह विषय न्यायालय में विचाराधीन है, तो न्यायालय के विवेक से ऊपर अपना विवेक दिखाने का प्रयास करें, तो इससे साफ होता है कि उन्हें लाखों छात्रों के भविष्य से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें बस इस विषय पर अपनी राजनीति करनी है। ठीक वैसे ही जैसे राजस्थान में डेढ़ दर्जन से अधिक पेपर लीक के मामले हुए, लेकिन राहुल गांधी ने एक भी शब्द नहीं बोला था। 
 

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शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी परीक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रहे हैं। वह एक ऐसा प्रतीक बन गया है जो दर्शाता है कि उम्र के साथ व्यक्ति की बुद्धि नहीं बढ़ती। अगर वह राजनीति में तीसरी बार असफल हुए हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गुजरात और मध्य प्रदेश के युवाओं को गाली देंगे। उन्होंने इन दोनों राज्यों को भूकंप का केंद्र बताया। राहुल गांधी, शिक्षा जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर ओछी सियासत कर रहे हैं। राहुल गांधी प्रतीक हैं कि केवल उम्र बढ़ने से विवेक का विस्तार नहीं होता। वे चुनाव में तीसरी बार फेल हुए हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वे मध्य प्रदेश और गुजरात के युवाओं को गालियां देंगे। उन्होंने दोनों राज्यों को पेपर लीक का एपिसेंटर बताया। 

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