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मोदी विरोधी टिप्पणी पर दो महीने से अधिक समय से जेल में बंद Congress नेता Pateria को मिली जमानत

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जेल में बंद कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को सोमवार को जमानत दे दी। पटेरिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था।
वरिष्ठ वकील और मध्य प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पीटीआई-को बताया कि न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने पटेरिया को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।

शेखर ने कहा, ‘‘मैंने अदालत को बताया कि पटेरिया लगभग 75 दिन से न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र दायर किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘जमानत मांगते समय मैंने उच्च न्यायालय से कहा कि मेरे मुवक्किल का अपने बयानों के माध्यम से किसी को (शारीरिक रूप से) मारने का मतलब नहीं था। उनका मतलब राजनीतिक रूप से (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को हराना था।’’

शेखर ने कहा कि सरकारी वकील ने उनके मुवक्किल की जमानत याचिका का विरोध किया, हालांकि दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता को जमानत दे दी।
पटेरिया को 13 दिसंबर को दमोह जिले के हटा कस्बे स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में पन्ना जिले की उप-जेल पवई में बंद हैं।
इससे पहले पवई की अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनके वकीलों ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष के नेता पर मामला दर्ज किया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

वीडियो में वह कथित तौर पर पवई में एक बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से यह कहते सुने गए थे, ‘‘मोदी चुनाव खत्म कर देंगे। मोदी धर्म, जाति, के आधार पर (लोगों को) बांट देंगे। दलितों का, आदिवासियों का, अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है। संविधान बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। हत्या का मतलब है, हराने का काम करो।’’
पटेरिया का यह कथित वीडियो मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के पवई स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का था।

लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री संजय कुमार खरे की शिकायत पर मध्य प्रदेश पुलिस ने पन्ना जिले के पवई थाने में 12 दिसंबर को पटेरिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 451, 504, 505 (1-बी), 505 (1-सी), 506, 153-बी (1सी), 115 एवं 117 के तहत मामला दर्ज किया था।
प्राथमिकी के अनुसार, पटेरिया 11 दिसंबर को दोपहर के समय लोक निर्माण विभाग के पवई स्थित विश्राम गृह में अल्प प्रवास के नाम पर ‘जबरन घुसे’ और विश्राम गृह की चारदीवारी के अंदर मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में पटेरिया ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘‘हत्या की बात की।’’
कांग्रेस की मप्र इकाई ने भी पटेरिया की इस टिप्पणी को बेहद आपत्तिजनक बताया था।

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