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कांग्रेस विधायकों का Gujarat Assembly से बाहर निकाला गया, प्रसाद बदलने का कर रहे थे विरोध

कांग्रेस विधायकों कोबनासकांठा जिले के प्रसिद्ध अम्बाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में बदलाव किए जाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग और सदन में प्रदर्शन करने पर शुक्रवार को विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया।
विधायकों ने सदन में ‘मोहनथाल’ (बेसन, शक्कर और घी से बनी मिठाई) का वितरण किया जिसे पहले मंदिर में प्रसाद के तौर पर अर्पित किया जाता था। उन्होंने मांग की कि इसे ‘चिक्की’ (मूंगफली और गुड़ से बनी मिठाई) से नहीं बदला जाना चाहिए।

जिला प्रशासन द्वारा देवी सती के इस मंदिर में मोहनथाल के बदले चिक्की को प्रसाद के तौर पर चढ़ाने के फैसले का कई श्रद्धालुओं ने भी विरोध किया है।
कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की लेकिन विधानसभाध्यक्ष शंकर चौधरी ने उन्हें बैठने और आम आदमी पार्टी (आप) विधायक को बोलने देने का अनुरोध किया। इसके बावजूद विरोध जारी रहने पर अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें सदन से बर्हिगमन करने का अधिकार है; लेकिन वे नारेबाजी कर सदन की कार्यवाही बाधित नहीं कर सकते हैं।

विरोध जारी रहने पर विधानसभाध्यक्ष ने करीब 15 कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव किया। इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया और उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया।
कांग्रेस विधायकों ने सदन से बाहर निकाले जाने के समय ‘जय अम्बे’ का जयकारा लगाया।
चौधरी ने आरोप लगाया कि विधानसभा परिसर में मौजूद कांग्रेस कार्यालय का इस्तेमाल सदन की कार्यवाही बाधित करने की गतिविधियों के लिए किया जा रहा है और अगर ऐसी गतिविधियां रोकी नहीं जाती तो वह कार्यालय को बंद करने पर मजबूर हो सकते हैं।

उन्होंने विधानसभा के सुरक्षा अधिकारियों को मामले की जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
विरोध के दौरान कांग्रेस विधायकों ने जब मोहनथाल का वितरण किया तो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रमणलाल वोरा ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि उक्त मोहनथाल खाने योग्य है या नहीं। विधानसभा अध्यक्ष ने इस अनुरोध पर सहमति जताई।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि प्रसाद में बदलाव लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा सरकार ने यहां तक प्रसाद को भी कारोबार का जरिया बना दिया है जिसका उद्देश्य हिंदू आस्था को दरकिनार कर अपने मित्रों की मदद करना है।

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