कांग्रेस ने शुक्रवार को उज्जैन नाबालिग बलात्कार मामले पर आक्रोश व्यक्त किया और सत्तारूढ़ भाजपा पर इस भयावह घटना में निष्क्रियता का आरोप लगाया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस छोटी लड़की के साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया, वह खून से लथपथ थी और मदद मांगने के लिए 8 किमी तक चली, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की… पुलिस क्या कर रही है? मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? एमपी के गृह मंत्री की क्या भूमिका है? जिस अस्पताल में वह भर्ती हैं, वहां से कैलाश विजयवर्गीय 1 किमी दूर रहते हैं। वे जाकर उसकी जाँच क्यों नहीं कर सकते? यह पूर्ण जंगल राज है, मध्य प्रदेश में दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए कानून-व्यवस्था की पूर्ण विफलता और पतन है।
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श्रीनेत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर इस मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि उज्जैन में बच्ची के साथ हुई दरिंदगी पर सीएम शिवराज चुप क्यों हैं? क्योंकि यह 12 साल की बच्ची मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली है और एक दलित परिवार से आती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सतना पुलिस ने लड़की की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि लड़की को गलत तरीके से उत्तर प्रदेश की मानसिक रूप से परेशान भिखारी बताया जा रहा था। जब लड़की स्कूल से घर नहीं लौटी, तो उसके परिवार वाले सतना पुलिस स्टेशन गए। वहां लड़की के परिवार के सदस्यों को यहां से चले जाने और अपनी बेटी को खुद ढूंढने के लिए कहा गया। हम एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के बीच गुरुवार को उज्जैन में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘बेटियों की चीखें दबा दी हैं।’ उन्होंने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुआ भयावह अपराध, भारत माता के हृदय पर आघात है। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के खिलाफ़ अपराध और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ़ हुए दुष्कर्म की संख्या सबसे ज़्यादा मध्य प्रदेश में है। इसके गुनहगार वो अपराधी तो हैं ही जिन्होंने ये गुनाह किए। साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार भी है, जो बेटियों की रक्षा करने में अक्षम है।