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सीटों के बटवारे को लेकर कांग्रेस ने Shiv Sena (UBT) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया : Milind Deora

मुंबई। राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवरा ने दावा किया है कि उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस ने महाराष्ट्र और विशेष रूप से मुंबई में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का समझौता करते समय उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) को बहुत अधिक महत्व दे दिया। कांग्रेस की मुबंई इकाई के प्रमुख देवरा इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए थे। देवरा ने कहा कि अगर उनकी नयी पार्टी चाहती है, तो वह मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, जिसका उन्होंने 2004 से 2014 तक कांग्रेस सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया था। 
देवरा ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कांग्रेस ने एक ऐसी पार्टी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है जिस पर वह न तो भरोसा करती है और न ही गठबंधन सहयोगी के रूप में महत्व देती है। मुझे पता है कि कांग्रेस पार्टी उद्धव ठाकरे के बारे में क्या महसूस करती है।’’ कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के सीट-बंटवारे समझौते के तहत उद्धव ठाकरे की पार्टी मुंबई दक्षिण, मुंबई दक्षिण-मध्य, मुंबई उत्तर-पूर्व और मुंबई उत्तर-पश्चिम सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस के हिस्से में केवल दो सीट – मुंबई उत्तर और मुंबई उत्तर-मध्य – आई हैं। 
 

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देवरा ने दावा किया कि यह कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व को पसंद नहीं आया, जो परंपरागत रूप से मुंबई की छह में से पांच सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद पार्टी की शहर इकाई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने खुलकर अपना असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि जब (2019 में) महाविकास आघाडी गठबंधन बन रहा था तो उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) कैसा महसूस किया था और मैं जानता हूं कि वे अब भी वैसा ही महसूस करते हैं।’’ देवरा ने कहा, ‘‘शिवसेना (यूबीटी) की मांगों को मानकर कांग्रेस ने अपने नेताओं को नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं को भारी नुकसान पहुंचाया है।

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