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ED Officer की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, जयराम रमेश ने बताया भाजपा का सुपरस्टार प्रचारक

कांग्रेस ने तमिलनाडु में एक स्थानीय डॉक्टर से कथित तौर पर 20 लाख रुपये की उगाही करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी की गिरफ्तारी पर शनिवार को भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा के “सुपरस्टार प्रचारक” एक बार फिर “लड़खड़ा” गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता, जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और “उन्हें राजनीतिक उपकरण में बदलने” का आरोप लगाया।
 

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जयराम रमेश ने इसको लेकर एक एक्स पोस्ट किया। उन्होंने इसमें लिखा कि भाजपा के सुपरस्टार प्रचारकों में से एक इस बार तमिलनाडु में मुसीबत में हैं। कुछ हफ़्ते पहले राजस्थान में एक ED अधिकारी को 15 लाख रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा गया था। अब ED के एक और अधिकारी को जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले में 20 लाख रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने विपक्ष और सरकार से सवाल करने वालों को परेशान करने और डराने-धमकाने के लिए ED/CBI/IT को राजनीतिक औज़ार में बदलकर उनकी प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाया है। अब इनके अधिकारी अपने स्तर पर छोटे-छोटे वसूली रैकेट चला रहे हैं।

तमिलनाडु के डिंडीगुल में एक सरकारी कर्मचारी से कथित तौर पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक द्वारा गिरफ्तार किया गया था। अंकित तिवारी के रूप में पहचाने गए अधिकारी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद, ईडी के मदुरै कार्यालय में डिंडीगुल जिला सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी (डीवीएसी) द्वारा तलाशी ली गई। अंकित तिवारी के आवास की भी अधिकारियों ने तलाशी ली। 
 

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अंकित तिवारी की गिरफ्तारी ने राज्य में राजनीतिक तूफान ला दिया है। डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने आज एजेंसी को “जबरन वसूली विभाग” कहा और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर “राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों” को निशाना बनाने के लिए इसका दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय का बचाव करते हुए कहा कि तिवारी के कृत्य के लिए पूरी एजेंसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मदुरै में तैनात 2016 बैच के अधिकारी अंकित तिवारी को शुक्रवार को राज्य के डिंडीगुल जिले में एक डॉक्टर से कथित तौर पर ₹20 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।

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