चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस हरियाणा में पांच सीट जीतने में सफल रही क्योंकि वह यह झूठ फैलाने में कामयाब रही कि अगर भाजपा केंद्र की सत्ता में आती है तो आरक्षण और संविधान को खत्म कर देगी। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सैनी को विधायक के रूप में शपथ दिलाई जिसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। सैनी ने हाल में करनाल विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराया है। पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कर रहे थे।
राज्यपाल से राज्य भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मांग के बारे में पूछे जाने पर सैनी ने कहा कि उनकी सरकार मार्च में विश्वास मत हासिल कर चुकी है और उसे कोई खतरा नहीं है। राज्य में कांग्रेस से पांच सीट हारने के कारण पूछे जाने पर सैनी ने कहा, ‘‘हमने अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ कल बैठक की थी। यह बात सामने आई है कि इस चुनाव में कांग्रेस ने झूठ का सहारा लिया।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘कांग्रेस यह झूठ फैलाने में कामयाब रही कि अगर मोदीजी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो संविधान और आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा।’’
अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सैनी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता अनुसूचित जाति समुदाय से संपर्क साधेंगे और हर घर में जाकर ‘‘कांग्रेस के दुष्प्रचार की कलई खोलेंगे’’। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता आम जनता को यह भी बताएंगे कि कांग्रेस ने विभिन्न मौकों पर संविधान का अपमान किया है। राज्य सरकार अल्पमत में होने के कांग्रेस के दावे पर सैनी ने कहा कि उनकी सरकार अब भी बहुमत में है। उन्होंने कहा, ‘‘13 मार्च को हमने सदन में विश्वास मत हासिल किया था। अगर हुड्डा को लगता है कि सरकार अल्पमत में है और उनके पास संख्याबल है तो वह अपने विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड कराएं।’’
सैनी ने 12 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह उन्हें विधायक बनाया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को पांच सीट जरूर मिल गईं, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत कांग्रेस से ज्यादा है। भाजपा को हरियाणा में जहां 46.11 प्रतिशत वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस को 43.67 प्रतिशत वोट मिले हैं। सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 60 साल के शासन में इतना काम नहीं किया जितना नरेन्द्र मोदी सरकार ने 10 साल में कर दिया।
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खट्टर ने भी 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां से तरलोचन सिंह को हराया था। कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद सैनी ने खट्टर की जगह मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा था। खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद करनाल के विधायक के रूप में इस्तीफा दिया था जिसके बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था। आम चुनाव में खट्टर ने करनाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की है।