बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस की पांच गारंटी में शामिल ‘शक्ति’ योजना को लागू किये जाने के बाद अब महिलाएं रविवार से सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकती हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस मुफ्त यात्रा सुविधा से प्रतिदिन 41.8 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा और सरकारी खजाने पर सालाना 4,051.56 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। यह योजना, राज्य की मूल निवासी महिलाओं के लिए आज अपराह्न एक बजे से प्रदेश की सीमा के अंदर लागू हो गई।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यहां विधानसौध की सीढ़ियों से इस योजना की शुरुआत की, जो महिलाओं एवं छात्राओं को लाभ पहुंचाएगा।
राज्य विधानमंडल और सचिवालय को संयुक्त रूप से विधानसौध कहा जाता है।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां शक्ति योजना के प्रतीक चिह्न का अनावरण किया गया तथा प्रतीकात्मक रूप से पांच महिलाओं को शक्ति स्मार्ट कार्ड जारी किये गये।
महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकारी पोर्टल ‘सेवा सिंधु’ पर पंजीकरण कराकर शक्ति स्मार्टकार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, जिले के प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले में इस योजना की शुरुआत करेंगे।
राज्य सरकार ने कहा है कि इस योजना से गरीब एवं निम्न मध्यम वर्ग की कामकाजी महिलाओं का यात्रा किराया खर्च घटेगा और इस बचत का उपयोग वे घरेलू खर्च में कर सकती हैं।
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सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने आज शक्ति योजना को लागू किया।’’ उन्होंने पांच ‘गारंटी’ के क्रियान्वयन के सिलसिले में उनकी सरकार की निंदा करने को लेकर विपक्षपर निशाना साधा और उसपर लोगों के बीच ‘भ्रम’ पैदा करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस की अन्य चार चुनावी गारंटी में सभी परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली (गृहज्योति), हर परिवार की महिला प्रमुख को प्रतिमाह 2,000 रुपये की सहायता (गृहलक्ष्मी), गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार के हर सदस्य के लिए 10 किलोग्राम मुफ्त चावल (अन्न भाग्य), और बेरोजगार स्नातकों को प्रतिमाह 3,000 रुपये तथा बेरोजगार डिप्लोमाधारकों को 1,500 रुपये (युवानिधि) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी महिला यात्री को सरकारी बस से कर्नाटक के बाहर जाना होगा तो उससे भी किराया नहीं लिया जाएगा, लेकिन यह सुविधा सीमावर्ती राज्यों में 20 किलोमीटर तक ही मिलेगी।