दिल्ली सरकार ने निर्माण स्थलों के लिए मंगलवार को नए सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए और कहा कि किसी दुर्घटना में जनहानि होने पर ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया जाएगा, जबकि अधिकारियों के खिलाफ भी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि निर्माण स्थलों से निर्माण एवं तोड़फोड़ मलबे को साफ करने में विफलता के परिणामस्वरूप ‘‘प्रत्येक चूक के लिए ठेकेदार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जबकि अनुबंध शर्तों के अनुसार अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।’’
नये सुरक्षा दिशानिर्देश लोक निर्माण विभाग के यहां स्थित अलग-अलग निर्माण स्थलों पर दो व्यक्तियों की मौत होने के बाद आए हैं।
इस महीने की शुरुआत में यहां लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल परिसर में एक निर्माणाधीन इमारत में काम करते समय एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई थी।
वहीं गत तीस जून को एक आटोरिक्शा वजीराबाद के पास पानी से भरे गड्ढे में फंस गया था और जब उसका चालक अपने वाहन को धक्का देने के लिए बाहर निकला तो वह गड्ढे में डूब गया।
दिल्ली सरकार ने एक आधिकारिक परिपत्र में कहा कि उचित बैरिकेडिंग होनी चाहिए ताकि निर्माण स्थल पर आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित किया जा सके और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को पूरी तरह से कम किया जा सके। इसमें कहा गया है कि ठेकेदार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वहां जलभराव न हो।
पीडब्ल्यूडी के विशेष सचिव शशांक अला द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है, सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण निर्माण स्थल पर किसी भी दुर्घटना के कारण जनहानि होने पर, ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया जाएगा, एक प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी और प्रभारी अभियंता के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘संबंधित साइट इंजीनियर यह सुनिश्चित करेंगे कि सूचना बोर्ड और बैरिकेडिंग को हमेशा बरकरार रखा जाए और बैरिकेडिंग में कोई फासला न हो जो संभावित रूप से आम जनता/यातायात के लिए खतरनाक हो।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘निर्माण स्थल पर बैरिकेडिंग होनी चाहिए, साथ ही निर्माणाधीन परियोजना के उचित संकेतक और जानकारी होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से परियोजना का नाम, अनुमानित लागत, परियोजना शुरू होने और पूरा होने की अनुमानित तारीख, ठेकेदार का नाम और संपर्क नंबर, साइट इंजीनियर और सुपरवाइजिंग इंजीनियर का नाम और संपर्क नम्बर, यदि कोई नागरिक कोई शिकायत दर्ज कराना चाहता है तो उसके लिए हेल्पलाइन नंबर सम्पर्क जानकारी तथा यातायात पुलिस के हेल्पलाइन नंबर भी होने चाहिए।’’
दिशानिर्देश में साइट इंजीनियर को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि निर्माण स्थल पर पर्याप्त गार्ड, रोशनी, बाड़, आग बुझाने वाले यंत्र, उचित जल निकासी और हर समय श्रमिकों के लिए सुरक्षात्मक उपकरण हों।
इसमें यह भी कहा गया कि उचित जल निकासी व्यवस्था के साथ पर्याप्त धुलाई सुविधाएं होनी चाहिए।
इसमें कहा गया है, ‘‘एक करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले सभी कार्यों में निर्माण स्थल पर एक सुरक्षा इंजीनियर होगा, जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी निर्माण स्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।’’
दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक कार्य के प्रभारी इंजीनियर को नियमित रूप से निर्माण स्थल का निरीक्षण करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के किसी भी उल्लंघन के मामले में, ठेकेदार को सूचित किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर काम रोक दिया जाएगा।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि ठेकेदार तब तक काम को आगे नहीं बढ़ाएगा जब तक कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है, कार्य के प्रभारी सभी इंजीनियर को सुरक्षा उल्लंघन की प्रकृति और प्रस्तावित जुर्माने को निर्दिष्ट करते हुए ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा।
इसमें प्रभारी इंजीनियर को निर्माण स्थल पर किसी की मृत्यु होने या यहां तक कि बड़ी या छोटी चोट के बारे में विभाग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।
दिशानिर्देशों में निर्माण एवं तोड़फोड़ मलबे को हटाने के उपायों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसे 48 घंटे से कम समय में निर्माण स्थल से हटा दिया जाना चाहिए और दिल्ली नगर निगम की निर्दिष्ट निर्माण स्थल पर वैज्ञानिक तरीके से उसका निस्तारण किया जाना चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि कोई भी अंतिम बिल तब तक मंजूर नहीं किया जाएगा जब तक कि निर्माण स्थल साफ-सुथरी स्थिति में नहीं सौंप दिया जाता।