उत्तर प्रदेश के संभल में होली के दौरान किसी प्रकार की अशांति नहीं हो इसके लिए पुलिस अभी से सतर्कता बरते हुए है। दरअसल होली का त्यौहार 14 मार्च को है और इसी दिन जुमा की नमाज भी होगी। इसलिए पिछले कुछ प्रकरणों पर गौर करते हुए पुलिस ने संभल में खासतौर पर मुसलमानों को यह सुझाव दिया है कि अगर किसी मुस्लिम को लगता है कि होली के रंगों से खेलना उनकी आस्था को प्रभावित करता है, तो उन्हें उस दिन घर के अंदर रहना चाहिए। हम आपको बता दें कि संभल कोतवाली पुलिस थाने में बृहस्पतिवार को हुई शांति समिति की बैठक में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले। अनुज चौधरी ने बैठक में दोनों समुदायों के लोगों से एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह किया। अनुज चौधरी ने शांति समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “जिस प्रकार से मुस्लिम बेसब्री से ईद का इंतजार करते हैं, ठीक उसी तरह हिंदू होली की प्रतीक्षा करते हैं।” हम आपको यह भी याद दिला दें कि अनुज चौधरी 24 नवंबर को शाही मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान से ही सुर्खियों में हैं। उन्हें भगवान हनुमान की गदा लेकर अपनी वर्दी में एक धार्मिक जुलूस में भी देखा गया था। उस प्रकरण की जांच भी हुई थी।
उधर, मुसलमानों को होली के दिन घर में ही रहने के उनके सुझाव पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री की नजरों में बने रहने के लिए अधिकारी उनकी बातों की नकल कर रहे हैं। ऐसे बयान देने वालों और खुलेआम पक्षपात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह निंदनीय है और अधिकारियों को भाजपा के एजेंट की तरह काम नहीं करना चाहिए।” वहीं कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई की मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने पुलिस अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कोई भी अधिकारी, चाहे वह कोई भी हो, उसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए; तभी इस देश में शासन ठीक से चल सकता है। अन्यथा, इससे अराजकता फैल जाएगी।” उन्होंने कहा, “अगर किसी धर्म विशेष के लोगों ने रंग खेलने पर असहजता जताई है, तो अधिकारी का कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि भय या असुरक्षा का माहौल न बने। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि होली भी मनाई जाए और नमाज भी शांतिपूर्वक अदा की जाए। यह कहना कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज 52 बार होती है और जो लोग रंगों से नफरत करते हैं, उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए, यह एक राजनीतिक बयान है।” हिंदवी ने कहा, “वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग इस तरह की टिप्पणी करते हैं। एक अधिकारी के तौर पर कोई इस तरह की टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि कल को वे कह सकते हैं कि वे सिर्फ हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, मुसलमानों की नहीं।” उन्होंने कहा, “इस पुलिस अधिकारी द्वारा दिया गया बयान बेहद निंदनीय है। मेरा मानना है कि अधिकारियों की आचार संहिता के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”
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बहरहाल, जो लोग संभल के सीओ अनुज चौधरी के सुझाव पर विवाद खड़ा कर रहे हैं वह शायद यह बात भूल गये हैं कि अखिलेश राज में जुमे के दिन होली पड़ने पर हिंदुओं को होली खेलने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता था। साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान जब चुनाव संबंधी कवरेज के लिए प्रभासाक्षी की टीम कैराना में थी तो एक स्थानीय युवक ने जो कुछ बताया था उसे सभी को सुनना चाहिए और तब फैसला करना चाहिए कि अनुज चौधरी ने जो सुझाव दिया है उसका स्वागत करना चाहिए या आलोचना।