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Yes Milord: अदालतें सेना को संचालित नहीं कर सकतीं, मैरिटल रेप पर अक्टूबर से सुनवाई, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। सनातन धर्म पर उदयनिधि और ए राजा की टिप्पणियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। इस बार भी दिवाली पर पटाखे नहीं जला सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन क्रैकर्स को लेकर दी गई याचिका खारिज कर दी। शादी के बाद बिना इजाजत संबंध बनाना अपराध है या नहीं अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई शुरू करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर सर्वेक्षण की याचिका खारिज कर दी। इस सप्ताह यानी 18 सितंबर से 23 सितंबर 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

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सनातन केस में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
तमिलनाडु के मिनिस्टर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की गुहार वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और मंत्री से जवाब दाखिल करने को कहा है। सनातन धर्म पर दिए बयान के मामले में केस दर्ज करने के लिए याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर याचिकाकर्ता ने कहा कि सनातन धर्म के मामले में स्टालिन के बयान के मामले में हेट स्पीच के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश डीएस नायडू ने दलील दी कि स्टालिन ने स्कूली स्टूडेंट को संबोधित करते हुए कहा था कि यह धर्म सही नहीं है और बाकी धर्म सही है।
मैरिटल रेप मामले अक्टूबर से सुनवाई 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मैरिटल रेप मामले में दाखिल याचिका पर वह अक्टूबर के मध्य से सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह मामला उठाया गया। चीफ जस्टिस ने कहा कि संवैधानिक बेंच की सुनवाई के बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील करुणा नंदी ने कहा कि मामले में सुनवाई की जरूरत है। तब CJI ने कहा कि जब संवैधानिक बेंच की सुनवाई पूरी हो जाएगी तब इस मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा। सॉलिसिटर जनरल और अन्य वकीलों से सवाल किया कि आप बताएं कि आपको दलील में कितना वक्त लगेगा।
कृष्ण जन्मभूमि मामले में SC का सर्वे कराने से इनकार 
सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला करने का अधिकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय पर छोड़ दिया गया। हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि हमें लगता है कि हमें अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है, खासकर अंतरिम में क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष बड़े पैमाने पर कई मुद्दे लंबित हैं। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर लगभग 10 मुकदमे दायर किए गए हैं। 26 मई को हाई कोर्ट ने सभी मुकदमों की सुनवाई एक साथ करने का निर्देश दिया था। 

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दिल्ली में सभी पटाखों पर बैन
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बेरियम युक्त पटाखे और लडियों वाले पटाखों के निर्माण और बिक्री की इजाजत मांगी वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के उन आदेशों को दोहराया, जिसमें प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पारंपरिक पटाखों पर बैन कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिए अपने आदेश में दिल्ली और एनसीआर में पारंपरिक पटाखे पर बैन कर दिए थे। सिर्फ ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत दी थी।
सेना की कमांड संरचना चलाना हमारा काम नहीं 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह भारतीय सेना के मामलों को नहीं चला सकता और वह केवल कानून के मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है। शीर्ष अदालत एक महिला कर्नल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे सैनिकों की एक कंपनी का प्रभार दिया गया था, जिसकी कमान आमतौर पर एक मेजर के पास होती है, जो उससे दो रैंक कनिष्ठ होता है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह मामला सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के पास जाना चाहिए, क्योंकि इसमें बहुत सारे तथ्य शामिल हैं।

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