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धनशोधन मामले में न्यायालय ने सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत एक सितंबर तक बढ़ाई

उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत शुक्रवार को एक सितंबर तक बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने जैन की चिकित्सीय रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद उन्हें राहत प्रदान कर दी।
पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अंतरिम जमानत बढ़ानेका विरोध करते हुए तर्क दिया कि उल्लिखित चिकित्सीय परामर्श जमानत बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं है… पूर्व में दी गई चिकित्सीय जमानत एक सितंबर तक बढ़ाई जाती है।’’
शुरुआत में, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जैन नियमित जमानत के हकदार हैं, क्योंकि वह 15 महीने से अधिक समय से जेल में हैं।
आप के वरिष्ठ नेता की चिकित्सीय स्थिति का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि रीढ़ की हड्डी की एक महत्वपूर्ण सर्जरी के बाद जैन स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।

सिंघवी ने कहा कि चिकित्सकों ने जलीय फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया है और जैन केवल सहायता से ही चल सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया और कहा कि जैन की स्वास्थ्य स्थिति का एम्स, दिल्ली द्वारा स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा हम उन्हें (जैन) फिजियोथेरेपी के उद्देश्य के लिए स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं। वह जेल में एक स्विमिंग पूल चाहते हैं। यदि वह चाहें, तो हम उन्हें जलीय व्यायाम के लिए स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं। सभी मरीज़ स्विमिंग पूल का खर्च नहीं उठा सकते।’’
राजू ने कहा, उन्हें एक भी दिन के विस्तार की आवश्यकता नहीं है। ऐसा कोई आधार नहीं है कि उन्हें एक दिन का भी (अंतरिम जमानत) विस्तार दिया जाए। कृपया चिकित्सा परामर्श देखें। चिकित्सा सलाह के प्रकार को देखें।

पीठ ने तिहाड़ जेल के अंदर जैन को विशेष सुविधा दिए जाने की तस्वीरों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए मजाक में कहा, अगर वह फिजियोथेरेपी का लाभ उठाते हैं और आप उनकी तस्वीर लेते हैं और उसे प्रकाशित करते हैं, तो क्या किया जाए।
राजू ने अदालत को बताया कि वह दूसरा कैदी था, जिसने यह किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, उन्होंने (जैन) जेल में दूसरे कैदी से मालिश कराई। श्रीमान, उनके साथ एक सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।
ईडी ने जैन पर तिहाड़ जेल के अंदर विशेष सुविधाओं का लाभ उठाने का आरोप लगाया था और कहा था कि अज्ञात व्यक्ति उनके शरीर और पैरों की मालिश कर रहे थे। जैन न्यायिक हिरासत में बंद होने के बावजूद कई महीनों तक जेल के प्रभारी मंत्री बने रहे थे।
ईडी ने अदालत के साथ कुछ सीसीटीवी तस्वीरें भी साझा की थीं और आरोप लगाया था कि जैन ज्यादातर समय या तो अस्पताल में रहे या जेल में उन सुविधाओं का आनंद ले रहे थे, जो किसी कैदी को नहीं मिलतीं।

शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को जैन की अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी।
उच्चतम न्यायालय ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी भी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है।
ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था।
जैन को ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी।

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