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नामांकन खारिज किये जाने के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार की याचिका पर विचार से न्यायालय का इनकार

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव में बिहार के जहानाबाद निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन खारिज किये जाने को चुनौती देने वाली एक निर्दलीय उम्मीदवार की याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की अवकाशकालीन पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वह पटना उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष अपील दायर करें। याचिकाकर्ता के नामांकन पत्र को खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका एकल पीठ ने निरस्त कर दी थी। 
शीर्ष अदालत ने वकील को सुझाव दिया कि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ चुनाव याचिका भी दायर कर सकते हैं। इसके बाद वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे मंजूर कर लिया गया। पीठ ने वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा, “वकील संवैधानिक न्यायालय के समक्ष उपलब्ध उपायों का इस्तेमाल करने के लिए वर्तमान याचिका वापस लेने की अनुमति चाहते हैं।” 
 

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मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया। उच्चतम न्यायालय निर्दलीय उम्मीदवार अभिषेक डांगी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिनके नामांकन पत्र को जहानाबाद के जिला मजिस्ट्रेट-सह-निर्वाचन अधिकारी ने “अत्यधिक तकनीकी” आधार पर खारिज कर दिया था। एकल पीठ ने कहा था, ‘‘यह पूरी तरह स्पष्ट है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत नामांकन पत्र स्वीकार या अस्वीकार करने वाले निर्वाचन अधिकारी के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती है।’’ एकल पीठ ने कहा था कि “केंद्रीय या राज्य विधानमंडल” के चुनाव में नामांकन पत्र की स्वीकृति या अस्वीकृति को चुनौती देने वाली अपील या रिट याचिका उपयुक्त नहीं है।

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