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अदालत ने 42 साल पुराने मामले में 90 वर्षीय बुजुर्ग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

फिरोजाबाद (उप्र)। फिरोजाबाद की जिला अदालत ने 42 साल पहले 10 दलितों की हत्या के एक मामले में 90 वर्षीय एक बुजुर्ग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने शनिवार को बताया कि अदालत ने दोषी गंगा दयाल पर 55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह मामला 1981 में जिला मैनपुरी के थाना शिकोहाबाद के अंतर्गत घटित हुआ था जो अब फिरोजाबाद जिले की मक्खनपुर थाना कोतवाली के अंतर्गत आता है।

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फिरोजाबाद जिला फरवरी 1989 में अस्तित्व में आया।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव उपाध्याय ने बताया कि 42 वर्ष पूर्व दिसंबर 1981 में गांव साढूपुर में 10 दलितों की गोली मारकर हत्या की गई थी।
उन्होंने बताया, “ पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर 10 आरोपियों के खिलाफ मैनपुरी की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।”
उपाध्याय ने बताया, “ एक अक्टूबर 2021 को मामला फिरोजाबाद के जिला न्यायाधीश हरवीर सिंह की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया (चूंकि साढूपुर, मक्खनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है)।”

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जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जिन 10 आरोपियों को आरोपपत्र में अभियुक्त बनाया गया था उनमें से नौ लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई जबकि 90 वर्षीय गंगा दयाल ही जीवित बचा था जिसे न्यायाधीश हरवीर सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को गवाहों और सबूतों के बयानों के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
उन्होंने कहा कि अदालत ने उसपर 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न भरने की स्थिति में 13 माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश सुनाया है।

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