मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अडाणी समूह पर अमेरिका की एक निवेश शोध कंपनी द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की रविवार को मांग की।
वाम दल के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘माकपा आज मांग करती है कि केंद्र सभी संबंधित मंत्रालयों को शामिल करते हुए एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन करे। जांच पूरी होने तक उच्चतम न्यायालय दिन-प्रतिदिन के आधार पर जांच की निगरानी करे।
देश के हित की रक्षा करनी होगी।’’
अडाणी समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’’ हैं।
अडाणी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने’’ की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके।
समूह ने कहा, ‘‘यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।’’
न्यूयॉर्क की एक कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘‘‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’’’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।
अडाणी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘‘बिना सोचे-विचारे’’ काम करने को लेकर अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘‘दंडात्मक कार्रवाई’’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है। वहीं, अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।