भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने गुजरात दंगों की सच्चाई सामने आने के डर से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया और आयकर विभाग द्वारा उसके कार्यालयों में ‘सर्वेक्षण’ किया गया।
भट्टाचार्य ने गांधी मैदान में ‘‘लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ’’ विषय पर आयोजित पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और भाजपा-आरएसएस 20 साल पहले हुए सांप्रदायिक नरसंहार को लेकर चिंतित हैं। इसके कारण डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया और हाल में आयकर विभाग ने छापे मारे।’’
भाकपा(माले) नेता ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा, ‘‘उन्हें डर है कि युवा पीढ़ी भी सच्चाई जान जाएगी कि गुजरात में उस समय क्या हुआ था। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि आज तक बच्चों को हिटलर के जर्मनी में जो कुछ हुआ उसके बारे में पढ़ाया जाता है ताकि लोग अतीत की गलतियों से सीखें।’’
बाद में पत्रकारों से उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध प्रसारक के साथ किए गए व्यवहार से देश की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
भाकपा(माले) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में शामिल नहीं है लेकिन वह बाहर से समर्थन देती है। रैली के दौरान पार्टी द्वारा एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
भट्टाचार्य ने कहा कि चूंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में लंबे समय तक सरकार में रही है इसलिए इसकी शासन की ‘फासीवादी संस्कृति’ ने व्यवस्था को गहराई से प्रभावित किया है।
उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि पार्टी विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए शनिवार को एक विशेष सम्मेलन आयोजित करेगी जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जैसे गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।